नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर हम कायम थे कायम हैं और आगे भी कायम रहेंगेः-पी0एम0 नरेन्द्र मोदी
चंदौली/वाराणसी। पड़ाव में एकात्म मानववाद के प्रणेता पं. दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने जनसभा को संबोधित किया तो सीएए काे लेकर भी मंच से अपना स्टैंड साफ कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि दुनियाभर के तमाम दबावों के बाद भी नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर हम कायम थे कायम हैं और आगे भी कायम रहेंगे। दरअसल, सीएए को लेकर मलेशिया सहित पाकिस्तान की ओर से भी भारत के खिलाफ माहौल बना रहा। इन्हीं वजहों से भारत ने पाम आयल के आयात में भी भारत ने कटौती करके विदेशी ताकतों को कड़ा संदेश दिया था। वहीं पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी सहित देश भर में विपक्षी दलों की ओर से सीएए के विरोध को लेकर आंदोलन चलाया गया। पीएम ने सीएए पर मंच से अपना स्टैंड भी कायम रहने को लेकर विपक्षियाें ही नहीं बल्कि विदेशी ताकतों को भी स्पष्ट संदेश दिया है। दरअसल सीएए को लेकर पूर्वांचल और खुद पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी आंदोलन का लंबा दौर चला था।
पं. दीन दयाल उपाध्याय के अंत्योदय से मिली प्रेरणा पड़ाव में पं. दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि आज समय है कि हम सब पं. दीनदयाल उपाध्याय का स्मरण करें। जिनके दिल में गरीबों के लिए कुछ है उनके लिए यह प्रेरणा भूमि है। जिनको सबकी चिंता है ऐसे देशभक्ति के रंग में रंगे लोगों के लिए यह स्थल तीर्थ के समान है। जहां से देश के लिए जीने और जूझने के साथ खुद को देश के लिए खपाने की प्रेरणा मिलेगी। आज मैं इस धरती को नमन करता हूं। विश्वास है कि दीनदयाल जी की आत्मा जहां भी होगी आशीर्वाद और प्रेरणा दे रही होगी। क्योंकि हम समाज के दबे कुचले, दलित और शोषित वर्ग के लिए जो जिम्मा मिला उसका निर्वाह उनकी प्रेरणा से कर रहे हैं। पंडित जी ने अंत्योदय का मार्ग दिखाया था। उनका सपना था कि आखिरी पंक्ति वाले का उदय हो। 21 वीं सदी का भारत इसी के लिए काम कर रहा है। विकास के आखिरी पायदान वाले को पहले पायदान पर करना है, इसके लिए सतत प्रयास जारी है।
पूर्वांचल का विकास प्राथमिकता पीएम ने कहा कि पूर्वांचल को लाभ पहुंचाने वाली 1200 करोड से अधिक की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया है। इनमें सडक, स्कूल, पानी की योजनाएं हैं, शहर को और सुंदर बनाने की योजना हैं। स्वास्थ शिक्षा सुविधा आस्था और रोजगार से जुडी योजनाओं के लिए काशी और पूर्वांचल को बधाई। पांच वर्षों से काशी सहित पूर्वांचल के कायाकल्प के संकल्प का अटूट हिस्सा हूं। इन वर्षों में काशी में लगभग 25 हजार करोड़ रुपये का विकास कार्य या तो पूरा हो रहा है या तेज गति से चल रहा है।क्षेत्र में अहिल्या बाई होल्कर के बाद इतना काम हो रहा है तो बाबा भोले का भी आशीर्वाद है। इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए आज पूर्वांचल में हाइवे का काम चल रहा है, योगी जी की टीम पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर काम कर रही है। चौकाघाट लहरतारा पुल का लोकार्पण आज हो गया। कैंट स्टेशन से बीएचयू और एयरपोर्ट तक इससे आवागमन में सहूलियत मिलेगी। इसके साथ अलग- अलग गांवों को जोडने वाली 16 सडकों का लोकार्पण हुआ है। इससे पूर्वांचल और बिहार जाने वालों को लाभ मिलेगा। काशी सहित पूरे क्षेत्र में रोजगार निर्माण के बडे साधन तैयार कर रहे हैं।
पर्यटन का बड़ा योगदान पर्यटन आधारित रोजगार से काशी और आसपास बल मिल रहा है। पर्यटन में हर वर्ग का व्यक्ति कम निवेश में अधिक लाभ कमाता है। आज भारत में पांच ट्रिलियम डालर अर्थव्यवस्था में पर्यटन का हिस्सा बहुत है। हेरिटेज पर्यटन का बडा हिस्सा है। काशी और आस्था से जुडे स्थलों को जरूरतों के मुताबित स्थलाें को विकसित किया जा रहा है। गंगा तट पर घाटों का सुंदरीकरण किया जा रहा है। पर्यटक सुखद अनुभव लेकर जाता है। बीते दिनों श्रीलंका के पीएम भी आए थे। यहां मंत्रमुग्ध थे। काशी के लोगों की उन्होंने प्रशंसा की है। काशी विश्वनाथ धाम से आप परिचित हैं। मंदिर परिसर में अनन् क्षेत्र का लोकार्पण हुआ है। भक्तों के भोजन की सुविधा अन्न क्षेत्र में होगी। जल्द ही बाबा का दिव्य प्रांगण भव्य रूप में आएगा। इसी तरह अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि के लिए ट्रस्ट का गठन हो चुका है। श्रीराम धाम के लिए तेजी से काम शुरू कर देगा। देश भर में आस्था आध्यात्म के केंद्र विकसित करने के साथ पर्यटकों के लिए सुविधाजनक बनाया जा रहा है। निरंतर कनेक्टिविटी लोगों को मिले इसके लिए काम हो रहा है।
काशी बन रहा बड़ा हब बाबा की नगरी को आेंकारेश्वर और महाकालेश्वर से जोडने वाली ट्रेन को झंडी दिखाई गई। बाबा के दर्शन कर उज्जैन महाकाल और इंदौर में ओंकारेश्वर भी जा सकेंगे। यह ट्रेन अन्य स्थलों को भी जोडेगी। शिवरात्रि पर बाबा के भक्तों के लिए उपहार है। काशी आस्था और आध्यातम संग ज्ञान का केंद्र रहा है। बीएचयू को विस्तार दिया गया है। वैदिक ज्ञान विज्ञान से लेकर चिकित्सा से जुडी योजनाआें का लोकार्पण किया गया है।पूर्वांचल मेडिकल हब बनकर उभर रहा है। इलाज के लिए कई अस्पताल तैयार हो चुके हैं। पहले इलाज के लिए बडे श्हर जाना होता था अब यहीं मिल रहा है। लाभ यूपी के बडे हिस्से को हो रहा है। जिस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का लोकार्पण हुआ उसका शिलान्यास किया था। कबीर चौरा में महिला चिकित्सालय में मैटर्निटी अस्पताल को मदद मिलेगी। पूरे यूपी में मेडिकल कालेज बनाने पर फोकस किया जा रहा है।
विकास के लिए इरादे मजबूत पीने के पानी और स्वच्छता का प्रयास देश भर में हो रहा है। जो कुछ भी पांच साल में हासिल किया है और अागे बढाना है स्वच्छता को लेकर जो मुहिम छेडी है उसे आगे बढाना है। आने वाले पांच वर्षों में हर घर में जल पहुंचाने के लिए काम करना है। न तो बजट कम आएगा न इरादे कमजोर होंगे। बनारस के कायाकल्प के महादेव की इच्छा को पूरा करेंगे। नए अध्याय जोडने का काम बनारस जैसे शहर ही करेंगे। केंद्र की योजनाओं का लाभ छोटे शहरों को मिलेगा। बजट में सौ लाख करोड इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च होगा। इसका लाभ छोटे शहरों को मिलेगा। आत्मनिर्भरता स्वयं सहायता सरकार की योजना और संस्कृति में लाने का प्रयास हो रहा है। मेक इन इंडिया में मोबाइल और सेना के अस्त्र भारत में बनने लगा है।
देश ले रहा है फैसले स्टार्टअप में आज आत्मनिर्भरता है, 26 हजार स्टार्टअप हैं और रोजगार बढ रहा है। स्वयंसहायता से देश में लोगों को लाभ मिला है। किसान सम्मान से यूपी के दो करोड किसानों को 12 हजार करोड मिले हैं। लोगों को लाभ के लिए सरकार काम कर रही है। 50 करोड़ से अधिक देश के लोग जिनको पांच लाख का फ्री इलाज मिला है। यूपी के तीन लाख और 16 हजार बनारस के लोगों को लाभ मिला हैं। पहली बार लोगों के घर शौचालय मिला। उनको उज्जवला का लाभ मिला। इनमें भी 50 लाख दलितों के परिवार हैं जिनको उज्जवला का लाभ मिला। दो करोड़ परिवारों को पक्का आवास मिला है। आज जिन 24 करोड़ देशवासियों को दुर्घटना योजना का लाभ मिला। करोडो़ं किसानों-श्रमिकों को तीन हजार की पेंशन मिलेगी वह विकास के आखिरी पायदान पर थे। समस्याआें को सुलझाने नहीं उलझाने में लगे थे। अब सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। देश अब वो फैसले ले रहा है जो पहले छोड दिए जाते थे। कश्मीर में 370 और सीएए सब बरसों से इंतजार में थे। यह फैसले काफी जरूरी थे। इनपर हम कायम हैं और आगे भी कायम रहेंगे।