मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सचिवालय में जल जीवन मिशन की समीक्षा की
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में पेयजल की उपलब्धता का लक्ष्य निर्धारित समयसीमा तक पूर्ण कर लिया जाए। पेयजल की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देते हुए माध्यमिक विद्यालयों की लैब में पेयजल परीक्षण की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने कहा कि आकांक्षी जनपदों में संचालित किये जा रहे कार्यों में तेजी लाते हुए नियमित मॉनीटरिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने योजना को समय पर पूर्ण करने के लिये हर सम्भव प्रयास किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी भी इसकी नियमित निगरानी रखें। जल जीवन मिशन के तहत निर्धारित समयावधि में लक्ष्य पूर्ण हो, इसके लिए जल संस्थान एवं जल निगम द्वारा प्रत्येक दिन का टारगेट निर्धारित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रीष्म काल में पेयजल की समस्या के बचने के लिए आवश्यक है कि वाटर सोर्स पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण पर फोकस किया जाना चाहिए। इसके लिए मानसून से पूर्व तैयारियां सुनिश्चित कर ली जाएं, ताकि वर्षा जल संचित किया जा सके, एवं भूजल की उपलब्धता बनी रहे।
पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने स्कूल एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों सहित सरकारी भवनों, ग्राम पंचायत भवनों, सामुदायिक केन्द्रों आदि में पेयजल की 100 प्रतिशत उपलब्धता किये जाने के निर्देश भी दिए। साथ ही जिन जनपदों ने आईएमआईएस पोर्टल पर डाटा अपलॉड नहीं किया है, शीघ्र डाटा अपलॉड किए जाने के भी निर्देश दिए।
सचिव नितेश झा ने बैठक में जानकारी दी कि जल जीवन मिशन के 14,61,910 लाख कनेक्शन दिये जाने हैं। जिसमें से अब तक 6,34,502 लाख कनेक्शन दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत 174.17 करोड़ रिलीज किए गए हैं जिनमें से 166.37 करोड़ (95.52 प्रतिशत) व्यय किये जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 18691 स्कूलों में से 16360 स्कूलों तथा 16853 आंगनबाड़ी में से 13488 में नल से पानी उपलब्ध कराया जा चुका है।
बैठक में मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सचिव अमित नेगी, नितेश झा, आर. मीनाक्षी सुन्दरम, प्रभारी सचिव आर राजेश कुमार एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जनपदों से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।