Uttarakhand
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिह रावत ने पौड़ी में विकास भवन सभागार कक्ष के नवीनकरण कार्य का किया लोकार्पण
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिह रावत ने शनिवार को जनपद पौड़ी में विकास भवन सभागार कक्ष के नवीनकरण कार्य का लोकार्पण किया। इसके पश्चात् उन्होंने उद्यान, कृषि, मत्स्य, पर्यटन, पेयजल, सड़क, पशुपालन, सिचाई, स्वास्थ्य आदि विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ विभागवार जनपद में हुए विकास कार्यो की समीक्षा भी की। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्री आशीष भटगांई ने प्रोजेक्टर के माध्यम से विकास कार्या की जानकारी दी। संबंधित अधिकारी ने ल्वाली झील के कार्य दिसम्बर माह तक पूर्ण होने की बात कही। जल जीवन योजना के तहत प्रत्येक दिन की लक्ष्य निर्धारित कर, प्रतिदिन के कार्य की समीक्षा करेंगे। राज्य स्तर पर 3000 कनेक्सन की प्रतिदिन लक्ष्य रहेगा, जिसकी स्वयं मॉनेट्रिंग करने की बात कही। पारंपरिक भवन शैली के कास्त को लेकर उन्होने कहा कि सरकारी विभागों में निर्माण कार्य के 20 प्रतिशत पत्थरों के कार्य होगें। इससे इस शिल्प से जुडे़ लोगों को काम मिलने के साथ यह कला जीवंत रहेगी। नगरी क्षेत्र में पहाडी शैली के भवन बनाने पर एक मंजिला की नक्सा निशुल्क दी जायेगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने समीक्षा के दौरान कोविड-19 के दृष्टिगत गाईड लाईन तथा मास्क पहनना व सामाजिक दूरी का अनुपालन हेतु जागरूकता लाने को कहा। जबकि क्षे़त्र के अस्पतालों में तैनात डाक्टर तैनाती स्थल पर कार्य/निवास कर रहे है या नहीं इस हेतु जिलाधिकारी श्री धीराज सिह गर्ब्याल को भौतिक निरीक्षण के निर्देश दिये। उद्यान विभाग की बागवानी के समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने क्रमवार जनपद में की जा रही कार्यो की विस्तार पूवर्क जानकारी दी। उन्होने बताया कि जनपद स्तर पर प्रदेश का पहला फार्म होगा जहां से प्रति वर्ष 60 से 70 हजार पौधे किसान को उपलब्ध कराये जायेगे। हॉलेण्ड से रूटस्टाक मंगाकर पौधे तैयार किये जा रहे हैं, जबकि हिमाचल से बागवानी विशेषज्ञों द्वारा क्षेत्र में सेब के बागवानी वाले स्थलों का निरीक्षण कर, कास्तकारों को प्रशिक्षण दिया गया है। पर्यटन विभाग की ओर से बासा होमस्टे, सतपुली एवं नयार नदी तथा कण्डोलिया पार्क में की जा रही कार्य की जानकारी देते हुए जिलाधिकारी ने बताया कि सतपुली में बासा ऐग्लिंग कैंप कम्यूनिटी बेस पर तैयार किया जा रहा है, जो इस अक्टूबर तक तैयार हो कर कम्युनिटी को दी जायेगी। वहीं उन्होने बताया कि कण्डोलिया में वृद्ध से लेकर बच्चों के लिए मनोरंजन हेतु पार्क तैयार की जा रही है। जो कि प्रदेश का पहला पार्क होगा जहां योगा से लेकर एमपी थीएटर, बच्चों के मनोरंजन पार्क, कोटी बनास शिल्प कार्यो के तर्ज पर रेस्टोरेन्ट बनाये जा रहे हैं। पहाडी शिल्प शैली से बासा टू के निमार्ण कराये जा रहे है। जिस पर मुख्यमंत्री ने पहाडी शिल्प शैली को जीवंत रखने हेतु विभागों में 20 प्रतिशत निर्माण कार्य पत्थर पर आधारित कराने की बात कही। पशुपालन विभाग की समीक्षा के दौरान उन्होने पशुओं की स्थानीय प्रजातियों के संरक्षण पर ध्यान रखने के निर्देश दिये। स्थानीय नश्लें भी बचा कर रखनी होंगी। पशुओं की स्थानीय प्रजातियों की अपनी महत्ता है। मुर्गी पालन/पॉट्री फार्म को लेकर उन्होने जिलाधिकारी के प्लान को गम्भीरता से जानकारी लेते हुए कहा कि ऐसे कार्य करें जिससे जनपद के मार्केट को निरंतर आपूर्ति होती रहे। जबकि मौन पालन को भी विकसित करने के निर्देश दिये। वन विभाग के संबंधित अधिकारी से कैंपा के तहत विकास कार्यो की जानकारी ली। संबंधित अधिकारी ने कार्यो में 30 फीसदी ही खर्च होने की बात कही। जिस पर मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि कैंपा के तहत कार्यो को बढाते हुए 70 फीसदी तक धनराशि खर्च करें। सड़क की समीक्षा के दौरान उन्होने लम्बे समय से स्वीकृत सड़क की वस्तुस्थिति की जानकारी ली। साथ ही अवरूध सडक को त्वरित खोलने की के निर्देश दिये।
बैठक में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डा. धन सिंह रावत, पौड़ी विधायक मुकेश कोली, जिलाध्यक्ष भाजपा संपत सिह रावत, उपाध्यक्ष सिचाई अतर सिह असवाल, उपाध्यक्ष सहकारिता मातबर सिह रावत सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।