सांसद महेंद्र भट्ट ने स्कूलों में अनिवार्य कानूनी शिक्षा व आत्मरक्षा प्रशिक्षण का मुद्दा सदन में उठाया
देहरादून। राज्यसभा सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने स्कूलों में अनिवार्य कानूनी शिक्षा और आत्म रक्षा प्रशिक्षण का मुद्दा सदन में उठाया है। साथ ही वित्त मंत्रालय से मातृ शक्ति हित में सुकन्या समृद्धि योजना की विस्तृत जानकारी भी मांगी। उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान अतारांकित प्रश्न्न संख्या 2606 में सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा गया कि क्या सरकार स्कूली पाठ्यक्रम में कानूनी शिक्षा और आत्म-रक्षा प्रशिक्षण सम्मिलित करने पर विचार करेगी। जिसके ज़बाब में शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री जयन्त चौधरी की तरफ स्पष्ट किया गया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में छात्रों की सुरक्षा और संरक्षा तथा कानूनी प्रावधानों को समग्र रूप से शामिल किया गया है। जिसके तहत कक्षा 11 और 12 में अंतःविषयक क्षेत्र के रूप में कानूनी अध्ययन शामिल है।
वहीं इस बात पर बल दिया गया है कि सभी संसाधन व्यक्तियों, मास्टर प्रशिक्षकों के साथ-साथ अन्य कर्मचारियों को छात्रों की सुरक्षा से संबंधित कानूनी प्रावधानों के बारे में संवेदनशील और जागरूक होना चाहिए। इसके अतिरिक्त, एनसीईआरटी ने ष्पाठ्यक्रम विकासक हेतु कानूनी साक्षरता पुस्तिका और ग्रेड 6 से 12 के लिए निम्न मॉड्यूल तैयार किए गए हैं भारतीय साक्ष्य अधिनियम-2023, भारतीय न्याय संहिता-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 को सम्मिलित किया गया है। आत्मरक्षा प्रशिक्षण के सवाल पर शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि एनसीएफ-एसई, 2023 में छात्र सुरक्षा सुनिश्चित करने संबंधी सेक्शन में जोर दिया गया है कि स्कूल परिसर में सभी की सुरक्षा और कल्याण को हमेशा सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसमें शारीरिक सुरक्षा, भावनात्मक सुरक्षा, बौद्धिक सुरक्षा, बदमाशी को रोकने, यौन उत्पीड़न के निवारण आदि के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया गया है। आत्मरक्षा से संबंधित मुद्दे और आयु के अनुरूप सामग्री पाठ्यक्रम में शामिल की गई है। आत्मरक्षा स्वास्थ्य, शारीरिक शिक्षा एवं कल्याण संबंधी पाठ्यक्रम तथा आयुष्मान भारत स्कूल स्वास्थ्य एवं कल्याण कार्यक्रम का भी हिस्सा है। एनसीईआरटी विभिन्न हितधारकों जैसे शिक्षक प्रशिक्षकों, शिक्षकों, प्रशासकों आदि के लिए जेंडर संवेदीकरण कार्यक्रम चला रहा है। इसके सभी क्षमता निर्माण कार्यक्रमों में समाजीकरण प्रथाओं, जेंडर आधारित हिंसा, लड़कियों की सुरक्षा और संरक्षा हेतु कानून तथा लड़कियों हेतु आत्मरक्षा तकनीक, पॉक्सो अधिनियम संबंधी जागरूकता, लड़कियों को आत्मरक्षा प्रशिक्षण का महत्व और साथ ही साइबर अपराध और डिजिटल दुरुपयोग अभिन्न घटक हैं ताकि जागरूकता पैदा की जा सके एवं सुरक्षा और यौन शोषण के निवारण के महत्व के बारे में विभिन्न हितधारकों को संवेदनशील बनाया जा सके।
एनसीईआरटी ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय का राष्ट्रीय मूल्यांकन भी किया है, जिसमें अध्ययन के लिए 30 राज्यों, संघ राज्य क्षेत्रों के 254 कार्यात्मक केजीबीवी को लिया गया था। निष्कर्षों से पता चलता है कि 207 केजीबीवी में लड़कियों को मार्शल आर्ट और आत्मरक्षा तकनीकों का प्रशिक्षण दिया गया तथा उन्हें कानूनी अधिकारों के बारे में भी जानकारी दी गई। इसके अतिरिक्त श्री भट्ट द्वारा राज्य सभा में अतारांकित प्रश्न्न संख्या 2490 के तहत मातृ शक्ति हित में सुकन्या समृद्धि योजना की जानकारी मांगी गई। जिसमें उन्होंने पूछा, सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत बालिकाओं के कितने खाते खोले गए हैं और क्या सरकार ने उन राज्यों में इस योजना को बढ़ावा देने के लिए कोई पहल की है, साथ जहां इसकी प्रगति धीमी रही है, उसका तत्संबंधी व्यौरा भी मांगा? जिसके उत्तर में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि 30 नवंबर 2024 की स्थिति के अनुसार सुकन्या समृद्धि खाता योजना के अंतर्गत बालिकाओं के खोले गए खातों की संख्या 4,10,29,011 है। एजेंसियों द्वारा जनता की जानकारी के लिए खाते खोलने के अभियान भी समय-समय पर शुरू किए जाते हैं।