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मानसून सत्र शुरू होने से पहले, सर्वदलीय बैठक में पहुुंचे मोदी, विपक्ष हुआ एकजुट

नई दिल्ली । बुधवार को मानसून सत्र शुरू होने से पहले सर्वदलीय बैठक में प्रमुख राजीनतिक दलों के नेताओं ने हिस्‍सा लिया। पीएम मोदी ने बैठक की अध्यक्षता की, जहां सरकार ने सभी दलों के नेताओं से सत्र के दौरान सहयोग की मांग की है। उधर, आज शाम को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन सभी दलों के नेताओं के साथ बैठक करके पक्ष और विपक्ष के बीच आम सहमति बनाने की कोशिश करेंगी। इस बैठक में महाजन सदन का कामकाज सुचारू रूप से चलाने पर चर्चा करेंगी। बैठक के बाद राजनीतिक दलों के नेताओं के लिए रात्रि भोज भी रखा गया है। लोकसभा सचिवालय के अनुसार, अध्‍यक्ष सत्र के सुचारू रूप से चलने और लंबित विधेयकों को पारित कराने के लिए दलों का सहयोग मांगेंगी। प्रधानमंत्री के रात्रिभोज में शामिल होने की उम्मीद है, हालांकि वे इस बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे।

क्‍या है सरकार का एजेंडा ?

बता दें कि तीन तलाक विधेयक सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है। यह विधेयक लोकसभा से पारित होने के बाद राज्यसभा में लंबित है। सरकार का जोर अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने से संबंधित विधेयक को पारित कराने पर भी है। सरकार के एजेंडे में मेडिकल शिक्षा के लिए राष्ट्रीय आयोग विधेयक और ट्रांसजेंडर के अधिकारों से जुड़ा विधेयक भी है। सत्र के दौरान आपराधिक कानून संशोधन विधेयक 2018 भी पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध है। इसमें 12 साल से कम उम्र की लड़कियों से बलात्कार के दोषियों के लिए मृत्युदंड तक की कठोर सजा का प्रावधान है।

सदन में घेरने की तैयारी में जुटा विपक्ष

उधर, विपक्ष ने सरकार को बेरोजगारी, किसान, दलित, ओबीसी, अल्पसंख्यकों से जुड़े मुद्दों और पीट-पीटकर हत्या किए जाने (लिचिंग) की घटनाओं पर दोनों ही सदन में घेरने की तैयारी में है। सोमवार को कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने एक बैठक में सर्वसम्मति से फैसला किया कि यह सत्र चलना चाहिए और इसमें बेरोजगारी, किसान, मॉब लिचिंग की घटनाओं पर चर्चा होनी चाहिए। सत्र के दौरान विपक्ष जम्मू कश्मीर की स्थिति, पीडीपी-भाजपा सरकार गिरने और आतंकवाद जैसे मुद्दे उठा सकता है। किसान, दलित उत्पीड़न, राम मंदिर, डॉलर के मुकाबले रुपए के दर में गिरावट, पेट्रो पदार्थों की कीमतों में वृद्धि जैसे मसलों पर भी विपक्ष सरकार को घेरने का प्रयास करेगा। एक अहम विषय आंध्रप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने का भी हो सकता है जिसके कारण पिछले सत्र में तेलुगू देशम पार्टी ने भारी हंगामा किया था।

बता दें कि सोमवार को मानसून सत्र के लिए विपक्ष की साझा रणनीति बनाने के लिए बुलाई गई बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आज की बैठक एक परंपरागत बैठक थी। सत्र के आरंभ होने से पहले समान विचाराधारा वाली पार्टियों की बैठक होती है। हम क्या-क्या मुद्दे उठाएंगे, इसको लेकर चर्चा हुई। हम इन मुद्दों को कल सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में रखेंगे और जोर देंगे कि सदन में उन पर चर्चा हो। विपक्षी दलों की बैठक में कांग्रेस की तरफ से गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, आनंद शर्मा और ज्योतिरादित्य सिंधिया, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु रॉय, बसपा के सतीश चंद मिश्रा, राजद की मीसा भारती, द्रमुक के एलनगोवन, माकपा के मोहम्मद सलीम, भाकपा के डी राजा, जद(एस) के डी. के. रेड्डी, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन, केरल कांग्रेस (एम) के जोस के.मणि तथा आईयूएमएल के कुन्हाल कुट्टी शामिल हुए थे।

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