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मोदी सरकार को सत्ता से हटाना हर अंबेडकरवादी का लक्ष्य होना चाहिए- शाहनवाज़ आलम

हापुड़। भाजपा दलितों और कमज़ोर तबकों को मिले संवैधानिक अधिकारों को छीनकर फिर से मनुवादी व्यवस्था लागू करना चाहती है। कांग्रेस की सरकार में दलितों की ज़मीन को गैर दलितों द्वारा खरीदने से रोकने के लिए बने क़ानून को भाजपा ने इसलिए बदल दिया क्योंकि मनुवादी व्यवस्था में दलितों को ज़मीन रखने का अधिकार नहीं था।
     ये बातें शाहनवाज़ आलम ने आज हापुड़ के सोटावाली मुहल्ले में आयोजित दलित-मुस्लिम संवाद कार्यक्रम में कहीं। 15 से 25 जून तक चलने वाले इस प्रदेशव्यापी कार्यक्रम में 3 हज़ार चाय की दुकानों पर संविधान पर मंडराते खतरे पर चर्चा होनी है। आज इस अभियान का छठा दिन था।
     शाहनवाज़ आलम ने कहा कि 2024 का चुनाव संविधान समर्थकों और संविधान विरोधियों के बीच होगा। राहुल गाँधी और कांग्रेस के नेतृत्व में सभी संविधान समर्थक एक जुट हैं तो वहीं मोदी और भाजपा के नेतृत्व में बृजभूषण शरण सिंह, साक्षी महाराज, बाबा साहब अंबेडकर की मूर्तियों को तोड़ने वाले, आरक्षण विरोधी, दलितों को घोड़ी पर बैठने पर पीटने वाले एकजुट हैं। उन्होंने कहा कि संविधान समर्थकों का जीतना देश के भविष्य के लिए ज़रूरी है। जनता तय कर चुकी है कि कांग्रेस की सरकार बनाकर संविधान को बचाया जाएगा।
      शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड की ज़रूरत को बाबा साहब अंबेडकर ने खारिज करते हुए 2 दिसंबर 1948 को संविधान सभा की बहस के दौरान कहा था कि इसे लागू करने वाली कोई भी सरकार एक पागल सरकार कही जाएगी। इसलिए दलित समाज को समझना चाहिए कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की बात करने वाली मोदी सरकार बाबा साहब अंबेडकर के विचारों की विरोधी है। इसलिए 2024 में मोदी सरकार को सत्ता से हटाना ही हर अंबेडकरवादी का लक्ष्य होना चाहिए।
      प्रदेश उपाध्यक्ष वसी अहमद रिजवी, प्रदेश उपाध्यक्ष डॉक्टर खालिद मोहम्मद खान, पीसीसी प्रदेश डॉक्टर शोएब, जिला अध्यक्ष अल्पसंख्यक हसन आतिफ, जिला अध्यक्ष मिथुन त्यागी, जिला अध्यक्ष दलित कांग्रेस नरेश भाटी और कांग्रेस की चेयरमैन पद के प्रत्याशी मानवी सिंह ने भी दलितों और मुसलमानों के कांग्रेस के साथ आने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।

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