Uttarakhand

मैक्स हॉस्पिटल देहरादून ने विश्व डायबिटीज दिवस पर आयोजित किया जागरूकता

देहरादून। इस समय जारी कोविड -19 महामारी के दौरान डायबिटीज के बारे में जागरूकता कायम करते हुए, मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, देहरादून के प्रमुख एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉ योगेश यादव ने कहा कि डायबिटीज से पीडित लोगों के लिए कोविड-19 को लेकर जो मुख्य चुनौती है वह यह है कि मधुमेह रोगियों को हालांकि कोविड होने का खतरा अन्य लोगों के समान ही होता है लेकिन अगर यह बीमारी उन्हें हो गई तो उनके लिए गंभीर परिणाम हो सकते हैं। यह बात विश्व डायबिटीज दिवस के अवसर पर मैक्स अस्पताल में आयोजित एक जागरूकता अभियान के दौरान कही गयी। डॉ यादव ने कहा, ʺलोगों में यह गलत धारणा है कि डायबिटीज (टाइप 1 औरटाइप 2) से पीड़ित लोगों में कोविड संक्रमण का खतरा अधिक होता है। जबकि वास्तविकता यह है कि डायबिटीज से पीडित लोगों को सामान्य आबादी की तुलना में कोरोना वायरस संक्रमण होने की अधिक संभावना नहीं होती है। हालांकि डायबिटीज से पीडित लोगों में डायबिटीज रहित लोगों की तुलना में गंभीर जटिलताएं और मृत्यु दर अधिक है दृ और हम मानते हैं कि किसी भी व्यक्ति को जितनी अधिक स्वास्थ्य समस्याएं जैसे की डायबिटीज (उदाहरण के लिए, हृदय या गुर्दे की बीमारी) होती है, किसी भी वायरस के संपर्क में आने पर जटिलताएं होने की संभावना भी उतनी ही अधिक होती है। वृद्ध लोगों को भी अधिक जोखिम रहता है। ”
      डॉ यादव ने कहा, “सामान्य तौर पर, डायबिटीज से पीडित लोगों में वायरस से संक्रमित होने पर गंभीर लक्षण और जटिलताएं होती हैं। डायबिटीज को अच्छी तरह से नियंत्रित नहीं रखने वाले लोगों में कोरोनोवायरस संक्रमण के कारण मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है। जब डायबिटीज से पीडित लोग अपने डायबिटीज को अच्छी तरह से प्रबंधित नहीं करते हैं और उनके ब्लड शुगर  में उतार-चढ़ाव होता है, तो उन्हें आमतौर पर डायबिटीज संबंधी कई जटिलताओं के होने का खतरा होता है। डायबिटीज के अलावा हृदय रोग या अन्य जटिलताएं होने से कोरोना वायरस संक्रमण से गंभीर रूप से बीमार होने की संभावना बढ़ सकती है, क्योंकि ऐसे मामलों में शरीर की संक्रमण से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। ”
      डॉ योगेश यादव ने कहा, “बहुत से मरीज मुझसे पूछते हैं कि क्या कोविड संक्रमण के कारण डायबिटीज हो सकता है, जिसके बारे में मुझे यह कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण और डायबिटीज के बीच संबंध दो तरफा है। एक ओर, डायबिटीज गंभीर कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को बढाता है। तो दूसरी ओर, कोरोनोवायरस संक्रमण वाले रोगियों में डायबिटीज की शुरुआत होने और डायबिटिक कीटोएसिडोसिस (ामजवंबपकवेपे) और हाइपरोस्मोलेरिटी (ीलचमतवेउवसंतपजल) सहित पहले से मौजूद डायबिटीज के गंभीर जटिलताओं को देखा गया है। इन स्थितियों में उपचार के लिए इंसुलिन की असाधारण रूप से उच्च खुराक की आवश्यकता होती है। गंभीर कोरोनोवायरस संक्रमण होने पर अचानक शुरू हुए ग्लूकोज में परिवर्तन कोविड संक्रमण के ठीक होने बाद जारी रहने या कम होने के बारे में भी स्थिति स्पष्ट नहीं है।
      एक गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के रूप में, मैक्स हेल्थ केयर का ध्यान व्यक्तिगत देखभाल प्रदान करते समय विभिन्न प्रकार की आबादी को संबोधित करने के लिए सेवा प्रदान करने के तौरदृतरीकों को बदलने पर रहा है। भारत में, लगभग 70 मिलियन व्यक्ति डायबिटीज के साथ जी रहे हैं, जिससे हम दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी डायबिटीज आबादी वाला देश हैं। बीमारी का शीघ्र पता लगाने, रोकथाम, उपचार और समग्र प्रबंधन की सख्त आवश्यकता को स्वीकार करते हुए, हमारे पास डायबिटीज रोगियों के लिए एक अलग विभागʺ डायबिट-ईज क्लिनिकʺ दृ एक व्यापक केयर क्लिनिक है। यह भी बताना महत्वपूर्ण है कि क्लिनिक चिकित्सा देखभाल और उपचार के अलावा विशेषज्ञ परामर्श और जीवनशैली प्रबंधन सहायता पर भी ध्यान केंद्रित करता है जो डायबिटीज के उपचार से निपटने का एक प्रमुख हिस्सा है। डॉ यादव ने कहा, “डायबिट-ईज क्लिनिकʺ में प्रदान की जाने वाली हमारी व्यापक सेवाएं देहरादून और आसपास के क्षेत्र में कहीं भी उपलब्ध नहीं हैं। इस क्लिनिक का लक्ष्य न केवल डायबिटीज के निदान, इसके उपचार, शीघ्र पहचान और रोकथाम करना है, बल्कि यह आहार परामर्श, मूल्यांकन, स्क्रीनिंग और अन्य संबंधित चिंताओं को भी समान महत्व देता है, जिन्हें आमतौर पर संबोधित नहीं किया जाता है और जिन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है।
यदि आपको डायबिटीज है तो आपको क्या करना चाहिए?
–  अपने शुगर के स्तर की नियमित जाँच करें कि वे सामान्य सीमा में हैं या नहीं।
–  अपनी क्षमता के अनुसार नियमित व्यायाम करें। आप योग, प्राणायाम, स्ट्रेचिंग व्यायाम जैसे व्यायाम घर पर भी कर सकते हैं।
–  अपने आहार और वजन पर नजर रखें। वजन में वृद्धि होने पर शुगर के स्तर में वृद्धि हो सकती है।

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