56वें स्मृति दिवस पर याद की गईं मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती
देहरादून। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय देहरादून की मुख्य शाखा सुभाषनगर में आज संस्था की प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती का 56वां स्मृति दिवस ऑनलाइन कार्यक्रम के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी (क्षेत्रीय संचालिका ब्रह्माकुमारीज, देहरादून क्षेत्र) ने कहा कि मां जगदंबा सर्व गुणों व विशेषताओं की खान थीं। वह बहुत ही गंभीर, शांतिपूर्ण, सहनशील, वात्सल्य व करुणा की देवी थी। वह सर्व आत्माओं की रुहानियत द्वारा पालना करती रही। सभी उनसे मातृत्व पालना का अनुभव करते थे।
वह कन्या होते हुए भी मां स्वरूप थी। जिसने भी उनकी पालना साकार में ली वह उस पालना को भूल नहीं पाते। लक्ष्मी, सरस्वती, दुर्गा तीनों देवियों के गुण विशेषताएं उस मां में समाए हुए थे। ब्रह्माकुमारी संस्था में वह माताओं, कन्याओं में सबसे अग्रणी रही। छोटे, बड़े, बूढ़े सब उनके प्यार और वातसल्य से प्रभावित होकर उनको मम्मा कहा करते थे। उनके स्मृति दिवस पर सभी ब्रह्माकुमार ब्रह्माकुमारियों ने जगदंबा को श्रद्धासुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर राजयोगी ब्रह्माकुमार सुशील भाई ने कहा कि भारत में देवी सरस्वती को विद्या की देवी के रूप में पूजा जाता है द्य भारत में विद्यालयों के नाम सरस्वती विध्या मंदिर, तथा कुछ बड़े सन्त महात्मा अपने नाम के पीछे सरस्वती शब्द का प्रयोग, सरस्वती देवी के सम्मान में प्रयोग करते हैद्य सुशील भाई ने ऑनलाइन कार्यक्रम का संचालन किया।