NationalNews UpdateUttarakhand
कोरोना वायरस के मुक्ति के लिये किया सामूहिक हवन और प्रार्थना
-कोविड-19 कोरोना वायरस से डरे नहीं बल्कि सुरक्षित, सामूहिक सकारात्मक प्रयास आवश्यकः स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन में स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के पावन सान्निध्य तथा परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमार और विश्व के अनेक देशांे से आये श्रद्धालुओं की उपस्थिति मंे जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी का जन्मदिन के अवसर पर विश्व शान्ति हवन कर सभी के कल्याण की प्रार्थना की। वर्तमान समय में पूरी दुनिया कोविड-19 कोरोना वायरस के कहर से परेशान है। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के कारण भय का माहौल बन चुका है। स्वामी जी ने कहा कि कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है बल्कि सर्तक, सुरक्षित और सजग रहकर कोरोना से बचा जा सकता है। पूरी दुनिया में फैला कोरोना वायरस के संक्रमण से हमें शिक्षा लेनी चाहिये कि आधुनिक जीवन शैली पूरी दुनिया के लिये संकट उत्पन्न कर सकता है इसलिये आध्यात्मिक व प्राकृतिक जीवन शैली और शाकाहार युक्त भोजन ही हम सभी की प्राथमिकता होनी चाहिये।
आज साध्वी भगवती सरस्वती जी का जन्मदिन है। इस पावन अवसर पर परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने विश्व शान्ति हवन, जप और प्रार्थना का आयोजन किया। ज्ञात हो कि साध्वी भगवती सरस्वती जी, हाॅलीवुड, कैलिफोर्निया के एक अमेरिकी परिवार से है। वह स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से स्नातक की उपाधि प्राप्त कर पीएचडी कर रही थी तभी वर्ष 1996 में अमेरीका छोड़कर भारत मंे पवित्र हिमालय की वादियों में स्थित आध्यात्मिक नगरी ऋषिकेश, के परमार्थ निकेतन आश्रम में रहने लगी। भारत के प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरू परम पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के मार्गदर्शन एवं सानिध्य मंे उन्होने वर्ष 2000 में सन्यास ग्रहण किया। साध्वी भगवती सरस्वती जी ’डीवाइन शक्ति फाउण्डेशन’ की अध्यक्ष हैं। यह संगठन महिलाओं के सशक्तिकरण एवं बच्चों की शिक्षा को समर्पित है, जो निःशुल्क स्कूल, व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र और सशक्तिकरण कार्यक्रम चलाता है। साथ ही साध्वी जी ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव हैं। यह एक अन्तर्राष्ट्रीय संगठन है जो विश्व स्तर पर बच्चों को स्वच्छ जल, स्वच्छता और स्वच्छता के कार्यो को समर्पित है। साध्वी जी आध्यात्मिक, योग, प्राणायाम, ध्यान एवं जीवन जीने के विषयों पर सारगर्भित उद्बोधन देती है। वे बड़े-बड़े मंचों पर व्यवसाय, विज्ञान, आध्यात्मिकता, सतत विकास, जीवन में सुख और शान्ति जैसे विभिन्न विषयों से जनसमुदाय का मार्गदर्शन कर रही है। वह संयुक्त राष्ट्र संघ, विश्व धर्म की संसद, कई अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलनों और शिखर सम्मेलनों में भी स्पीकर रही हैं। उनका ज्ञान पश्चिम के ज्ञान-विज्ञान और तर्क के साथ पूरब की आध्यात्मिकता का मिश्रण है जो दो संस्कृतियों के मध्य आध्यात्मिक पुल के रूप मंे प्रसिद्ध है।
परमार्थ निकेतन आश्रम ऋषिकेश में साध्वी जी ध्यान और आध्यात्मिक प्रवचन देती हैय परामर्श प्रदान करती है साथ ही वे प्रतिवर्ष परमार्थ निकेतन में होने वाले अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का निर्देशन भी करती है। उन्होने मनोविज्ञान से पीएचडी की और महाग्रण्थ हिन्दू धर्म विश्वकोश की प्रबंध संपादक रही है। वास्तव मंे उनका जीवन भारतीय संस्कृति और संस्कारों की प्रतिमूर्ति है। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि वास्तव में साध्वी जी का जीवन हालीवुड से बालीवुड की डिवाइन यात्रा है। साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि पूरी दुनिया में कोविड-19 कोरोना वायरस का भय व्याप्त है। कई हमारे भाई-बहन इसका सामना कर रहे है उन सभी के स्वास्थ्य लाभ के लिये माँ गंगा से प्रार्थना करते है। साध्वी जी ने कहा कि लोग सुरक्षित रहे, भीड़ वाले स्थानों पर न जायें, हाथों को स्वच्छ रखें और सतर्कता बरते। विश्व शान्ति के प्रार्थना करे ताकि विश्व कोरोना वायरस के शीघ्र मुक्त हो सके। परमार्थ गंगा तट पर होने वाली आज की गंगा आरती कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों के स्वास्थ्य लाभ के लिये समर्पित की।