मंगल बना रहा सदी के सर्वाधिक लंबे चंद्र ग्रहण को खास
नैनीताल : सदी का सबसे लंबे लगने जा रहे चंद्र ग्रहण की खगोलीय घटना अपने आप में दुर्लभ होगी। इसके साथ ही इसके पास आ रहा लाल ग्रह मंगल इस घटना को और खास बनाने जा रहा है। जिस कारण वैज्ञानिकों समेत खगोल प्रेमी इस खगोलीय घटना में खास दिलचस्पी ले रहे हैं। 27 जुलाई को चंद्रमा व मंगल के बीच मात्र सात डिग्री रह जाएगी। वैज्ञानिक अध्ययन के लिहाज से भी इस घटना को खास माना जा रहा है। जिसके लिए वैज्ञानिक तैयारियों में जुट गए हैं।
आर्यभटट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) नैनीताल के वरिष्ठ खगोल वैज्ञानिक डॉ. शशि भूषण पांडे के अनुसार चंद्र ग्रहण साधारण खगोलीय घटना होने के बावजूद इस बार बेहद दिलचस्प होने जा रही है। 27 जुलाई की रात 11.54 बजे धरती की छाया चंद्रमा पर पड़ी शुरू हो जाएगी। एक बजे चंद्रमा पूर्ण रूप से पृथ्वी की छाया में आ जाएगा। जिससे पूर्णग्रहण लगा चांद नजर आएगा। पूर्णग्रहण की अवधि मध्य रात्रि बाद 2.43 बजे तक रहेगी। पूर्ण चंद्रग्रहण की अवधि 1.43 घंटे की रहेगी। यह इस सदी की सबसे लंबी अवधि होगी। इसके बाद पूर्ण ग्रहण समाप्त और आंशिक ग्रहण लगा चांद रहेगा, जो 3.49 बजे तक रहेगा। इसके बाद चंद्रमा पृथ्वी की छाया से मुक्त हो जाएगा।
चंद्रग्रहण की घटना के साथ ही मंगल ग्रह भी चंद्रमा के बेहद करीब होगा। इस दिन मंगल ग्रह समक्षता की स्थिति में होगा। 27 जुलाई को ही एक तरफ सूर्य अस्त हो रहा होगा वहीं दूसरी ओर पूर्व दिशा में लाल ग्रह उदय हो रहा होगा। इस स्थिति को समक्षता की स्थिति कहते हैं।बता दें मंगल इन दिनों धरती के काफी करीब आ पहुंचा है। मंगल के धरती के करीब पहुंचने का संयोग 2003 के बाद बनने जा रहा है। इस घटना को लेकर वैज्ञानिकों का मानना है कि मंगल के नजदीक आने से इस स्थिति का गहराई से अध्ययन करने में काफी मदद मिलेगी। जो वैज्ञानिक इन दिनों मंगल पर आए धूल के गुबार का अध्ययन कर रहे हैं उन्हें काफी मदद मिलेगी। 31 जुलाई को मंगल धरती के सर्वाधिक करीब पहुंचेगा।