Uttarakhand
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने सीबीएसई से संबद्ध विद्यालयों के 34 शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को आज दिल्ली में किया सम्मानित
नई दिल्ली । मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने सीबीएसई शिक्षक पुरस्कार वितरण समारोह में सीबीएसई से संबद्ध विद्यालयों के 34 शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को आज दिल्ली में सम्मानित किया। ये पुरस्कार उन प्रतिभाशाली शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को दिए गए, जिन्होंने अपनी दक्षता और समर्पण से विद्यालयी शिक्षा में सुधार के लिए बहुमूल्य योगदान दिया है। समारोह में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री, संजय शामराव धोत्रे ‘विशिष्ट अतिथि’ के रूप में शामिल हुए। बतौर पुरस्कार शिक्षकों को एक प्रशस्ति-पत्र, शॉल और 50,000 रुपये की धनराशि दी गई।
शिक्षकों को शुभकामनाएं देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि अध्यापन के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में समर्पित शिक्षक समुदाय को मेरा साधुवाद। उन्होंने कहा कि ये पुरस्कार उनकी मेहनत की पराकाष्ठा का प्रतीक है। उन्होंने शिक्षकों से विद्यार्थियों के लिए आने वाले समय की जरूरतों को पूरा करने वाला गुणवत्ता और संस्कार युक्त सकारात्मक वातावरण निर्मित करने का आह्वान किया। उन्होंने समारोह के दौरान डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर नॉलेज शेयरिंग ऐप ‘दीक्षा’ (शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय मंच) पर सीबीएसई के शिक्षा पटल ‘विद्यादान’ की शुरुआत की और सीबीएसई का वार्षिक गतिविधि कलेंडर जारी किया। इसके अलावा उन्होंने विविध विषयों अनुभवात्मक अधिगम, मैथ्स का आनंदपूर्ण शिक्षण एवं अधिगम, नई पहल, विद्यालयी गुणवत्ता एसेसमेंट एंड एश्योरेंस, 10़2 के बाद शैक्षणिक कोर्स, कृत्रिम बुद्धिमता, हब्स ऑफ लर्निंग और इको-क्लब एवं जल संरक्षण से जुड़े सीबीएसई के 10 मैन्युअल का भी विमोचन किया। समारोह में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री, संजय धोत्रे ने पुरस्कृत शिक्षकगणों को बधाई दी। उन्होंने मार्गदर्शक के रूप में शिक्षकों की अहम भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि चूंकि प्रत्येक विद्यार्थी अलग और अनूठा होता है। ऐसे में शिक्षा प्रत्येक विद्यार्थी की व्यक्तिगत आवश्यकताओं और मनोस्थिति के अनुसार होनी चाहिए ताकि बच्चे साहसी, आत्मविश्वास से पूर्ण और चरित्रवान बनें और एक सार्थक भविष्य बनाएं। शिक्षक पुरस्कार के आवेदनों हेतु बोर्ड ने पिछले वर्ष से ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया ताकि चयन प्रकिया पारदर्शी बने। पुरस्कार के लिए चयनित शिक्षक और प्रधानाचार्य एक पारदर्शी और कठोर चयन प्रक्रिया से गुजरे और स्कूली शिक्षा के पहलुओं से जुड़े मापदंडों पर योग्य पाए गए हैं। पुरस्कृत प्रधानाचार्योंध्शिक्षकों ने शिक्षण में अनेक अभिनव विधियों, विशिष्ट दृष्टिकोणों, आधुनिक तकनीकों, व्यावहारिक व रोचक प्रयोगों, सह-पाठ्यक्रम क्रियाओं और सामग्रियों का सुन्दर मिश्रण किया है। इससेश्री अनुराग त्रिपाठी समेत एम.एच.आर.डी., सीबीएसई, एनवीएस, केवीएस और स्कूलों से आए अन्य प्रतिष्ठित गणमान्य अधिकारीगण मौजूद रहे।