Uttarakhand
मेकिंग ए डिफरेंस बाय बींग द डिफरेंस (मैड) सांस्था ने गन्दी दीवारों के कायाकल्प अभियान के अन्तर्गत एक दीवार का किया कायाकल्प
देहरादून। देहरादून के शिक्षित युवाओं का संगठन, मेकिंग ए डिफरेंस बाय बींग द डिफरेंस (मैड) सांस्था ने गन्दी दीवारों के कायाकल्प अभियान को एक कदम और आगे बढ़ाते हुए परेड ग्राउंड के पीछे तिब्बती मार्किट से सटी एक और दीवार का कायाकल्प कर दिया है। इस चित्रकला की यह विशेषता है कि यह गढ़वाली सभ्यता एवं आदर्शों को झल्काते हुए तैयार की गयी है।
गौरतलब है कि मैड के स्वयंसेवी विगत आठ वर्षों से पर्यावरण संरक्षण के अनेक अभियानों मे अग्रसर हैं और विशेष तौर पर सफाई एवं जागरूकता मे उनकी एक अहम् भूमिका रही है। मैड की ओर से पूरे शहर मे पचास से ज़्यादा जगहों पर गन्दी पेशाब युक्त और पोस्टर से सनी दीवारों का कायाकल्प अभियान चलाया गया है जिसके ज़रिये मैड के सदस्य इन गंदी दीवारों को साफ करके इन पर सुंदर चित्रकला बिखेरने का काम करते हैं। मैड की ओर से इस चित्रकला मे गढ़वाल में निर्माण कार्य में पहले के ज़माने के स्तंभ दर्शाये गए हैं और साथ साथ गढ़वाली कला की बारीकियों को भी दर्शाया गया है। एक स्तंभ के पीछे से गढ़वाल की एक स्त्री को झांकते हुए दिखाया गया है इस संदेश के साथ कि पहाड़ ही हमरे आदर्श हैं।
इस दीवार को तैयार करने मे मैड के स्वयंसेवीयों को लगभग एक सप्ताह का समय लगा जिसमे पहले तो दीवार को साफ किया गया और उसके उपर यह कलाकृतियाँ बिखरी गयी। मैड ने सार्वजनिक तौर पर शहर के सभी युवाओं से यह अपील की है कि जो लोग चित्रकला बनाने मे अछे हैं वह अपनी ड्रॉइंग फाइलों से बाहर अपनी कला को बिखरने का काम करें ताकि उनके इस हुनर का लाभ पूरे शहर को हो सके। मैड सांस्था की ओर से इस अभियान मे अहम् भूमिका निभाने वलों में श्रेया रोहिल्ला, सामीर, अर्ची बिष्ट, इन्दर, आदर्श त्रिपाठी, उत्कर्ष और आर्यन शामिल थे। गौरतलब है कि मैड की ओर से परेड ग्राउंड बाहरी क्षेत्र की दीवारों पर यह कायाकल्प अभियान चलाया जा रहा है जिसमे कई ऐसी जगहों को चिन्हित करा गया है जहाँ कायाकल्प की आवश्यक्ता है।