मजदूर के खाते में अचानक 99 करोड़ रुपये आ जाने पर हुआ बड़े खेल का खुलासा
खगड़िया । गंगौर ओपी अंतर्गत रहिमा गांव के बलराम साह के खाते में अचानक 99 करोड़ रुपये आ गए। यह पता चलते ही वो दौड़ा-दौड़ा पुलिस स्टेशन पहुंचा और इसकी जानकारी दी। जांच के बाद ऋण दिलाने के नाम पर हुए बड़े खेल का खुलासा होने के बाद जिले में सनसनी फैल गई है। बैंक और पुलिस अधिकारी भी अचंभित हैं। पीड़ित बलराम साह के अनुसार उन्होंने वर्ष 2009 में स्टेट बैंक जलकौड़ा शाखा में पत्नी गुड़िया देवी व खुद के नाम ज्वाइंट खाता खुलवाया। दो एटीएम मिला था। एक गिरोह के सदस्य ने ऋण दिलाने के नाम पर एटीएम अपने पास रख लिया। बलराम ने जब दूसरे एटीएम से जम्मू कश्मीर में बैंक का स्टेटमेंट निकाला, तो उसके होश उड़ गए। उसमें 99 करोड़ 99 लाख 74571 रुपये का लेन-देन दर्शाया गया है। यह जानकर वह घर आया और लोगों को जानकारी दी। बलराम साह के अनुसार 5 जून 2018 को जब गिरोह के सदस्यों को खाता व एटीएम दिया था, तो मात्र उसमें 59 रुपये ही थे। इसकी जानकारी जब बैंक मैनेजर को दी गई तो उन्होंने कहा कि आपका खाता महाराष्ट्र ट्रांसफर हो गया है। इसलिए वहीं से विशेष कुछ पता चलेगा। बहरहाल, कितने रुपये की जमा व निकासी ऐसे पीड़ितों के खाते से की गई, यह गहन जांच में सामने आएगा। पुलिस भी इस मामले के खुलासे से हैरत में है। वैसे, रविवार को खगड़िया एसपी मीनू कुमारी के प्रयास के बाद बलराम का एकाउंट फ्रिज कराया गया है। मामले की जांच का जिम्मा सदर एसडीपीओ आलोक रंजन और सदर इंस्पेक्टर बासुकीनाथ झा को सौंपा गया है। अब तक की जानकारी अनुसार यह मामला एटीएम फ्रॉड का ज्यादा लग रहा है। मालूम हो कि बलराम जम्मू कश्मीर में मजदूरी कर घर-परिवार का लालन-पालन करता है। वहीं इस मामले में हिरासत में लिए गए शुंभा के अशोक शर्मा व रहिमा की इंदु देवी से पूछताछ की जा रही है। एसपी ने इसको लेकर आर्थिक अपराध अनुसंधान विभाग से भी बातचीत की है।‘प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान चल रहा है। धीरे-धीरे चीजें सामने आएगी। अन्य के खातों से कितने का ट्रांजेक्शन हुआ है ये सब पता लगाया जा रहा है। ’
एसपी ने कहा- ‘मामले की गहन जांच की जा रही है। प्रथम दृष्टया यह एटीएम फ्रॉड का मामला ज्यादा लग रहा है। इस बावत वरीय अधिकारी से भी बात हुई है। फिलहाल बलराम साह का एकाउंट फ्रिज किया गया है। इस दिशा में आगे की कार्रवाई की जाएगी। सदर एसडीपीओ व इंस्पेक्टर को गहन जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। मामला काफी संगीन है। अब तक की पूछताछ में पता चला है कि प्रिंस ही असली सरगना है। उसे रिमांड पर लिया जाएगा।’ एसपी के अनुसार भारतीय स्टेट बैंक के जलकौड़ा शाखा के मैनेजर से बात करने पर सामने आया कि कर्नाटक में भी इस तरह का मामला सामने आया था जिसके बाद एक जांच टीम यहां आई थी। मालूम हो कि ठगी का शिकार हुए करीब डेढ़ दर्जन पीड़ितों ने जब शनिवार को एसपी से मिलकर आपबीती सुनाई, तो उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए गंगौर ओपी अध्यक्ष को अविलंब प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए। एसपी के आदेश पर शनिवार की रात्रि इस खेल में शामिल दो आरोपितों को अलौली थानाध्यक्ष राजीवलाल व बहादुरपुर पिकेट प्रभारी बीरबल कुमार ने हिरासत में ले लिया। इस मामले में बेगूसराय के प्रिंस को कुछेक दिनों पहले ही ग्रामीणों ने पकड़कर पुलिस को सौंप दिया था। लेकिन, खगड़िया जिले में उसपर केस नहीं रहने व बेगूसराय में मामले होने पर उसे बेगूसराय पुलिस को सौंप दिया गया।
साइबर क्राइम का उस्ताद है प्रिंस प्रिंस साइबर क्राइम का उस्ताद माना जाता है। वह अभी मंडल कारा बेगूसराय में बंद है। जानकारी अनुसार वह अपने गिरोह के सदस्यों के साथ बेगूसराय, बलिया आदि में भी 30-40 लोगों का खाता खुलवाया। जिसमें एक मजदूर के खाते से कैनरा बैंक, हर्रख, बेगूसराय से सात लाख 13 हजार 53 रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ। शक होने पर बैंक प्रबंधक अरुण कुमार राय ने नगर थाना, बेगूसराय में प्राथमिकी दर्ज कराई। बेगूसराय नगर थानाध्यक्ष त्रिलोक मिश्रा के अनुसार इस मामले में प्रिंस समेत चार को गिरफ्तार किया गया । अझौर, थाना नीमा चांदपुरा, बेगूसराय निवासी प्रिंस साइबर क्राइम का मास्टर माइंड माना जाता है। उसका एक अन्य मास्टर माइंड पटना निवासी साथी की पुलिस को तलाश है।
खेल में कई जिले के शातिर शामिल पीड़ितों ने आशंका जाहिर की है कि कहीं आतंकी संगठन अथवा नक्सली संगठन द्वारा तो ऐसा नहीं किया जा रहा है। मालूम हो कि रहिमा खगड़िया के बरैय पंचायत में शामिल है। जो कभी नक्सलियों का गढ़ माना जाता था। पीड़ित इसे हवाला से लेकर आयकर चोरी गिरोह तक की आशंका जता रहे हैं। पीड़ितों ने बताया कि आरोपित गाजीघाट शुंभा के अशोक शर्मा, रहिमा की इंदु देवी, बेगूसराय के प्रिंस कुमार बराबर गांव आते थे और नए खाते विभिन्न बैंकों में खुलवाते थे। इसके बाद पासबुक व एटीएम तथा सिम अपने पास रख लेते थे।