News UpdateUttarakhand

महाराज ने गडकरी से मुलाकात कर कैलाश पर्वत के दर्शन प्वाइंट तक रैम्प बनाने को कहा

देहरादून। प्रदेश के लोक निर्माण एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी से मुलाकात कर ओल्ड लिपुलेख दर्रे तक जाने वाले मोटर मार्ग के प्वाइंट जहां से कैलाश पर्वत के दर्शन होते हैं वहां तक रैम्प बनाने का अनुरोध किया है। प्रदेश के लोक निर्माण, पर्यटन, धर्मस्व, संस्कृति, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण एवं जलागम मंत्री सतपाल महाराज ने बुधवार को केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी से उनके मोतीलाल नेहरू रोड, नई दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर मुलाकात कर उन्हें जानकारी देते हुए बताया कि ओल्ड लिपुलेख दर्रा पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केन्द्र है। यहाँ से पवित्र कैलाश पर्वत के दर्शन अद्वितीय हैं और यह धार्मिक तथा पर्यटन दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को जानकारी दी कि लिपुलेख दर्रे तक जाने वाले मोटर मार्ग के जिस प्वाइंट से कैलाश पर्वत के दर्शन होते हैं, उसके लगभग 200 मीटर पहले का रास्ता ऊबड़-खाबड़ और कठिन है, जिस कारण लोगों को यहाँ तक पहुँचने में भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। इसलिए ओल्ड लिपुलेख दर्रे उस प्वाइंट तक जाने के लिए जहां से कैलाश पर्वत के दर्शन होते हैं वहां तक रैम्प बनाया जाये।
श्री महाराज ने केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात के दौरान उन्हें सौंपे पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित गुंजी से ओम पर्वत तथा गुंजी से आदि कैलाश के मार्ग धार्मिक और साहसिक यात्रा करने वाले पर्यटकों के लिए अति महत्वपूर्ण है। लेकिन वर्तमान में इन मार्गों पर शौचालयों की कमी होने के साथ साथ माइलस्टोन भी नहीं हैं, जिस कारण पर्यटकों को स्वच्छता व दिशा निर्देशन में कई प्रकार की कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को बताया कि शौचालयों की अनुपलब्धता से कई प्रकार की स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्यायें उत्पन्न हो जाती हैं तथा माइलस्टोन न होने की वजह से लोग रास्ते से भ्रमित हो जाते हैं और यह पता नहीं चल पाता कि उन्होंने कितना मार्ग तय कर लिया है। इसलिए कैलाश आवागमन के मार्गों पर सार्वजनिक शौचालयों तथा माइलस्टोन के निर्माण के साथ ही ओल्ड लिपुलेख दर्रे के समीप रैम्प बनाये जाने को अधिकारियों को निर्देशित करें ताकि तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को असुविधा का सामना न करना पड़े।

Related Articles

Back to top button