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मध्य प्रदेश- चुनावी हार के कारणों को ढूंढने में जुटी मायावती

भोपाल। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के कारणों को ढूंढने पार्टी सुप्रीमो मायावती ने अपने विशेष दूत और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामजी गौतम को मप्र भेजा है। गौतम प्रदेश के हर जोन में जाकर छोटे-बड़े पदाधिकारियों से वन-टू-वन चर्चा कर उन कारणों को खोज रहे हैं, जिनकी वजह से पार्टी को ये दिन देखना पड़ा। प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार और प्रदेश प्रभारी रामअचल राजभर को हटाने के बाद अब प्रदेश उपाध्यक्ष रामलखन को भी बदल दिया गया। बसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामजी गौतम ने ग्वालियर, रीवा जोन और जबलपुर जोन पहुंचकर पार्टी के छोटे-बड़े कार्यकर्ताओं से फीडबैक हासिल किया। बसपा का प्रदेश में जनाधार खिसकने के संदर्भ में मायावती पहले ही एक रिपोर्ट मंगा चुकी हैं। अब उन्होंने रामजी गौतम को निचले स्तर तक कार्यकर्ताओं से पार्टी की हार की वजह जानने के लिए भेजा है। बसपा उपाध्यक्ष गौतम के साथ प्रदेश के नवनियुक्त अध्यक्ष डीपी चौधरी एवं अन्य पदाधिकारी भी चुनाव में कमियां कहां रह गईं, उन कारणों को ढूंढ रहे हैं। रामलखन के स्थान पर बसपा ने सतना के अच्छेलाल कुशवाह को पार्टी उपाध्यक्ष की जवाबदारी सौंपी है। इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि सतना से इस बार कांग्रेस के सिद्धार्थ कुशवाह ने जीत दर्ज की है। सिद्धार्थ पहले बसपा में भी रह चुके हैं, इसलिए मायावती ने विंध्य अंचल के कुशवाह समाज को साधने की कवायद की है। बसपा नेताओं को इस बात की उम्मीद है कि इससे लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें कुशवाह समाज का समर्थन मिलेगा, लेकिन रामलखन कुरमी समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं, उन्हें हटाए जाने की प्रतिक्रिया भी हुई है। बसपा अब जातीय संतुलन बिठाने की जुगत में दिख रही है। उल्लेखनीय है कि इस बार मप्र विधानसभा में बसपा की सीटें चार से घटकर आधी यानी दो रह गईं हैं। इसके अलावा पार्टी का कुल वोट प्रतिशत भी 1.29 फीसदी घट गया है। 2008 के चुनाव में प्रदेश बसपा के सात विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। बसपा प्रदेश कार्यालय प्रभारी ने बताया कि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गौतम के साथ प्रदेश अध्यक्ष डीपी चौधरी भी सभी जोन का दौरा कर रहे हैं।

नहीं बढ़ रहा जनाधार बैठक में पदाधिकारियों ने खुलकर उन कारणों को गिनाया, जिनके कारण बसपा अपना जनाधार नहीं बढ़ा पा रही। भोपाल जोन की बैठक 24 दिसंबर को बुलाई गई है। इसके अलावा 25 को इंदौर एवं 26 दिसंबर को उज्जैन संभाग की बैठक बुलाई गई है। बैठक में जियालाल, रामकृष्ण अहिरवार, प्रदेश अध्यक्ष चौधरी, कुंवर सिंह नागर एवं मनोज रजक आदि को भी बुलाया गया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि हर चुनाव में लगातार खिसक रहे जनाधार के चलते पार्टी हाईकमान चिंतित हो उठा है।

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