नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण के मतदान में सात केंद्रीय मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इस चरण में भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता नितिन गडकरी समेत सात केंद्रीय मंत्री चुनाव मैदान में हैं। इसके अलावा तीन पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज नेताओं के बेटे बेटी भी इस चरण में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। आइए जानते हैं उन केंद्रीय मंत्रियों के बारे में जिनके भाग्य का फैसला आज जनता तय करेगी।
1- नितिन गडकरी महाराष्ट्र की नागपुर लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री व भाजपा के कद्दावर नेता नितिन गडकरी उम्मीदवार हैं। उनका मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी नाना पटोले से है। पटोले तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने आम चुनाव से पहले भाजपा का साथ छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए। इस बार कांग्रेस ने नागपुर सीट से पटोले का प्रत्याशी बनाया है। बता दें कि पटोले और नितिन गडकरी के बीच मधुर संबंध रहे हैं।
2- पूर्व थल सेना अध्यक्ष जनरल वीके सिंह लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा ने गाजियाबाद संसदीय सीट पर विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह को उम्मीदवार बनाया है। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी राजबब्बर को शिकस्त दी थी। वीके सिंह ने करीब पांच लाख मतों के अंतर से राजबब्बर को परास्त किया था। यह भाजपा की बड़ी जीत थी। यहां तीसरे और चौथे स्थान पर क्रमश: बसपा व सपा थी। लेकिन इस बार वीके सिंह का मुकाबला सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी सुरेश बंसल से है।
3- डॉ महेश शर्मा लोकसभा चुनावा 2019 में गौतमबुद्धनगर सीट से भाजपा ने एक बार फिर डॉ महेश शर्मा काे उम्मीदवार बनाया है। नरेंद्र मोदी सरकार में वह पर्यटन व संस्कृति मंत्री हैं। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में महेश शर्मा ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार नरेंद्र भाटी को करीब ढाई लाख से ज्यादा मतों से हराया था। वर्ष 2014 के महेश शर्मा पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़े और विजयी हुए। इतना ही नहीं मोदी सरकार में वह केंद्रीय मंत्री बनने में भी सफल रहे। लेकिन 2019 के चुनाव में उनकी टक्कर सपा-बसपा के गठबंधन के प्रत्याशी सतबीर नागर से है। हालांकि, कांग्रेस ने भी अपना प्रत्याशी मैदान में उतारा है। लेकिन यहां प्रमुख मुकाबला भाजपा और गठबंधन के बीच ही है।
4- डॉ सत्यपाल सिंह उत्तर प्रदेश के बागपत संसदीय सीट पर एक बार फिर भाजपा ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह पर विश्वास जताया है। बागपत संसदीय सीट पर वह भाजपा के उम्मीदवार हैं। इस बार उनका मुकाबला राष्ट्रीय लोक दल के प्रत्याशी जयंत चौधरी से है। जंयत आरएलडी प्रमुख अजीत सिंह के बेटे हैं। पहली बार वर्ष 2014 में सत्यपाल सिंह बागपत सीट से विजयी हुए थे। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त डॉ सत्यपाल ने आरएलडी प्रमुख अजित सिंह को शिकस्त दी थी। इस सीट पर जहां सत्यपाल की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है, वहीं दूसरी ओर आरएलडी के समक्ष अपने गढ़ को बचाने की चुनौती होगी।
5- किरण रिजिजू अरुणाचल पश्चिम संसदीय सीट से भाजपा ने किरण रिजिजू पर भरोसा करते हुए अपना प्रत्याशी बनाया है। रिजिजू मोदी सरकार में गृह राज्यमंत्री हैं। नॉर्थ ईस्ट में रिजिजू भाजपा के प्रमुख नेता हैं। रिजिजू उन नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने वर्ष 2014 के चुनाव में नॉर्थ ईस्ट में कमल का परचम लहराया। रिजिजू ने कांग्रेस के तकाम संजोय को 41 हजार के मतों से पराजित किया। रिजिजू मोदी सरकार में गृह राज्यमंत्री बने।
6- हंसराज अहीर महाराष्ट्र की चंद्रपुर सीट से भाजपा ने हंसराज अहीर को उम्मीदवार बनाया है। हंसराज नरेंद्र मोदी सरकार में गृह राज्य मंत्री है। वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में हंसराज ने कांग्रेस के प्रत्याशी सुरेश धानोरकर को दो लाख से अधिक मतों से परास्त किया था। हंसराज यहा जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं। इस बार हंसराज का मुकाबला कांग्रेस के सुरेश धानोरकर से है।
7- अजय टम्टा उत्तराखंड की अल्मोड़ा सीट से भाजपा ने केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री अजय टम्टा को उम्मीदवार बनाया है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में अजय ने कांग्रेस के प्रदीप टम्टा को एक लाख से ज्यादा वोटों से पराजित किया था। एक बार फि र उनका मुकाबला कांग्रेस के प्रदीप टम्टा से ही है।