18 किलो का ट्यूमर निकालकर मरीज को दिया जीवनदान
देहरादून। क्लेमनटाउन स्थित वेलमेड हॉस्पिटल में एक 25 वर्षीय युवती के पेट से 18 किलो का ट्यूमर निकाला है। जनरल सर्जन डॉ. इशाक नबी ने सफलतापूर्वक सर्जरी कर युवती का जीवनदान दिया। डॉक्टर इशाक नबी ने बताया कि एक 25 वर्षीय युवती हमारे पास पेट दर्द व सूजन की शिकायत ले कर आई थी। जब हमने सीटी – स्कैन, एम.आर. आई व कुछ ब्लड़ टेस्ट करें तो पता चला कि मरीज के ओवरी में ट्यूमर है, जिसने पूरे पेट में जगह बना दी थी। इसका इलाज सिर्फ सर्जरी था। यह बहुत ही चुनौतीपूर्ण सर्जरी थी, क्योंकि इस ट्यूमर का साइज बहुत बड़ा था और पूरे पेट में फैल चुका था। सर्जरी के बाद डॉक्टर इशाक नबी ने लगभग 18 किलो का ट्यूमर निकाला। सर्जरी के बाद मरीज को एक दिन आईसीयू में निगरानी के लिए रखने के बाद दूसरे दिन नॉर्मेल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। चार दिन के बाद मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया। मरीज अब बिलकुल स्वस्थ है।
डॉ. इशाक नबी ने बताया कि सर्जरी करना जितना चुनौतीपूर्ण था, उतना ही मुश्किल था मरीज को सर्जरी के लिए तैयार करना, लेकिन जब हॉस्पिटल के सीएमडी व सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. चेतन शर्मा जी ने मरीज की काउंसलिंग की तो मरीज समझ गए और सर्जरी कराने को तैयार हो गए।
इस मौके पर वेलमेड हॉस्पिटल के सीएमडी डॉ. चेतन शर्मा ने कहा कि हमारा अस्पताल लगातार इस तरह की जटिल व चुनौतीपूर्ण सर्जरी कर रहा है। इससे पहले हमने हार्ट, न्यूरो, गायनेकोलॉजी, यूरोलॉजी में भी इस तरह की सर्जरी कर चुके हैं और हम निरंतर प्रयासरत है कि उत्तराखंड के मरीजो को इलाज के लिए देहरादून से बाहर ना जाने पड़ें। उन्होंने कहा कि इस केस को देखने के बाद मैं मरीजों से एक ही बात कहना चाहूंगा कि इलाज के लिए क्वालीफाईड़ डॉक्टर्स के ही पास जाएं ताकि सही समय पर सही इलाज मिल सकें। अगर ये युवती डेढ़ साल पहले ही जनरल सर्जन के पास चली जाती तो उसे इतने दिनों तक दर्द नहीं झेलना पड़ता और सर्जरी भी इतनी जटिल नहीं होती। सर्जरी करने वाली टीम में डॉ. इशाक नबी के साथ एनेस्थेटिस्ट डॉ. शेखर बाबू, डॉ. निकुंज गरिया, विनय कुमार, तेन्जिन डोलामा, संदीप रावत, रूचि सिंह आदि मौजूद रहे।