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भोजपुरी के लीजेंड गीतकार संगीतकार स्व. लक्ष्मण शाहाबादी को दिया अनोखा ट्रिब्यूट

देहरादून। भोजपुरी सिनेमा में लोक गीत संगीत को बढ़ावा देने वाले विलक्षण प्रतिभा के धनी लीजेंड गीतकार संगीतकार स्वर्गीय लक्ष्मण शाहाबादी द्वारा रचित सुपर हिट गीत सीसा के महलिया… को वर्ल्डवाइड रिकार्ड्स कंपनी के द्वारा पिछले दिनों ऑफिसियल भोजपुरी यूट्यूब चैनल पर जारी किया गया। लक्ष्मण शाहाबादी द्वारा लिखे और कंपोज किए गए इस गीत के म्यूजिक प्रोड्युसर उनके पुत्र अमरेश शाहाबादी हैं।
भोजपुरी के महान गीतकार संगीतकार लक्ष्मण शाहाबादी के इस सदाबहार गीत को अमरेश शाहाबादी ने बिहार की लोक गायिका चन्दन तिवारी से अपनी विशेष शैली में गवाया है। इस गीत के जरिए दरअसल वर्ल्डवाइड रिकॉर्ड्स (भोजपुरी) और अमरेश शाहाबादी लीजेंड गीतकार संगीतकार लक्ष्मण शाहाबादी को अनोखा ट्रिब्यूट दिया है। बिहार की राजधानी पटना से महज 60 किलोमीटर पश्चिम में स्थित  आरा जिला के शिवगंज में 16 मई 1938 को एक कायस्थ परिवार में जन्मे लक्ष्मण शाहाबादी को संगीत और साहित्य विरासत में मिला था।उन्हें बचपन में घर वाले झुनन के नाम से बुलाते थे।उनके पिता रामलाला प्रसाद सितार वादक थे। लक्ष्मण शाहाबादी के शास्त्रीय संगीत के गुरु  जंगली मल्लिक थे। घर में हर तरह के  वाद्य यंत्र उपलब्ध रहने की वजह से एक संगीत साधक के रूप में संगीत की विधिवत शिक्षा उन्होंने ली। समय के साथ उनके हिंदी-भोजपुरी गीतों की लोकप्रियता रंगमंच से निकलकर मुंबई तक पहुंची। देसी मिट्टी और लोक गीत-संगीत की खाँटी परंपरा की खुशबू उनके गीतों में होने की वजह से उन्हें काफी ख्याति मिली। एचएमवी कंपनी ने ही लक्ष्मण शाहाबादी को मुंबई बुलाया था और उनका पहला हिंदी गीत विख्यात गायक मोहम्मद रफी और मन्ना डे की आवाज मेें रिकाॅर्ड कराया गीत के बोल थे “कह के भी न आये मुलाकात को और दिल बेचैन…. इस गीत के बाद वह मायानगरी से जुड़ गए।

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