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किसी भी तरह की गलत फहमी में न रहे देश का किसान

जैसा कि बहुत से मित्रो ने स्पष्ट कहा है और यह सत्य है कि कोई किसान अन्न दाता नही है। यह एक व्यवसाय है जो किसी व्यक्ति ने चुना है। इस धरती इस देश मे बहुत से व्यवसाय है ।सभी इस जीवन के सहायक है। कोई अन्न पैदा करने का कारोबार करता है तो कोई इस कार्य मे सहायता करता है।कोई जीवन बचाने का कार्य करता है तो कोई दवाई का उत्पादन करता है। कोई वस्त्र तो कोई रहने के लिये मकान उपलब्ध कराता है। सभी का उतना ही महत्व है जितना अन्न का। तो क्या सभी दाता हो जाएंगे। सभी एक कीमत के लिये कार्य करते है।किसान नेताओ को अपने मन से यह भगवान बनने का अहंकार और भ्रम निकाल देना चाहिए। इतिहास गवाह है कि स्वयं को ईश्वर बताने वाले का अंत बुरा हुआ है। मैं भी और भाइयो की भांति किसान हूँ लेकिन सत्य यह है कि जब अपना ही पेट नही भरता तो किसी के दाता कैसे बन सकते है? आंदोलन जीवी यदि इस व्यवसाय से परेशान है, भूखे मर रहे हैं तो अपने को अन्नदाता के भ्रम जाल में आकर वास्तविक दाता परमात्मा का अपमान कर रहे हैं?
किसी शायर ने लिखा है कि
जिस खेत से मयस्सर न हो रोज़ी,
उस खेत के गंदुम को तुम आग लगा दो।
यदि आपके कारोबार से आप अपनी आजीविका नही चला पा रहे हैं तो अपना खेती का कारोबार बदल लेना चाहिए अथवा अन्य सहायक कारोबार से अपनी आमदनी बढ़ानी चाहिये।ईश्वर द्वारा निश्चित कर्म हमे करना ही पड़ता है। आप ईश्वर निमित्त कार्य कर प्रभु की सेवा कर रहे हैं। प्रभु का यज्ञ कर रहे हैं लेकिन कुछ राक्षसी लोग आपके यज्ञ में खलल डाल रहे हैं उनसे आपको बचाव करना चाहिए। सरकार को भी प्रजा के इस पुनीत यज्ञ में अवरोध डालने वाले राक्षसों का संहार करना चाहिए। ये वो किसान नेता है जो स्वयं अपने भाइयों छोटे किसानों की जमीन खरीदकर बड़े हुए है। किसान की जमीन किसान हड़पता है कोई अम्बानी नही।आप देखिये छोटे किसानों की जमीन किसने खरीदी है और किस कीमत पर?यदि अन्य किसी ने किसी और प्रयोजन के लिए खरीदी है तो तीन गुना कीमत अदा की है। इसलिये अपने लालच में आपको बहकाया जा रहा है। कुछ तो शर्म करो और इस देश को कुछ अच्छा देने वाले का इस तरह अपमान न करो। कोई भी किसी भी रूप में यदि इस देश की जनता की सेवा के लिये कुछ कर रहा है वह सम्मान के योग्य है यहाँ तक कि वह भी जो उनके दायित्व पूर्ति का उन्हें अवसर दे रहा है ।
मैं नही अब कहूंगा कि आंदोलन न करे बल्कि अपनी वास्तविक समस्याओ  पर सरकार से वार्ता करें जैसा सभी करते है। आप जिस भ्रम जाल में फंसते जा रहे हैं उसे तोडने की जरूरत है।ईश्वर द्वारा दिये गए अपने कर्म पर गर्व करें। हमारी रक्षा में लगे जवानों के साथ ही इस देश को दूसरा सम्मान दिया है तभी तो कहा है , जय जवान जय किसान, इसका मैब रखे और इस देश को और शर्मसार न करे।

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