किन्नर समुदाय को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए जनपद में की गयी नयी पहल, उन्हें स्किल प्रशिक्षण देकर आवश्यक वित्तीय सुविधायें दी जायेंगी
देहरादून। जिलाधिकारी सी रविशंकर की अध्यक्षता में कैम्प कार्यालय में सम्पन्न हुई बैठक में किन्नर समुदाय को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए मुख्य विकास अधिकारी जी.एस रावत ओर कौशल सेवायोजन विभाग के अधिकारियों के द्वारा व्यापक विचार-विमर्श किया गया। विचार-विमर्श में तय किया गया कि किन्नर समुदाय को स्किल प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोजगार हेतु आवश्यक वित्तीय सुविधायें दी जायेंगी, जिससे एक ओर किन्नर समुदाय आत्मनिर्भर बनेगा, दूसरी ओर समाज की मुख्यधारा में जुड़कर अपना सार्थक योगदान भी दे सकेगा। इस दौरान जिलाधिकारी ने उपस्थित किन्नर समुदाय के सदस्यों से पूछा कि उनकी रूचि किस-किस तरह के छोटे-छोटे व्यावयायिक कार्यों में हैं, साथ ही उनकी शैक्षिक योग्यता इत्यादि की जानकारी लेते हुए सेवायोजन अधिकारियों को निर्देश दिये। किन्नर समुदाय के लोगों से उनकी शैक्षिक योग्यता, उम्र, इच्छुक व्यवसाय इत्यादि का सम्पूर्ण विवरण प्राप्त करते एक सूची तैयार करें तथा उसी तरह के उनको स्किल्ड प्रशिक्षण देने पर भी होमवर्क करें। उन्होंने कहा कि इनको इनके रूचि वाले क्षेत्र जैसे ब्यूटीशियन, फैशन आदि का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जायेगा तथा व्यवसाय चलाने हेतु लोनिंग-मार्केटिंग इत्यादि उपलब्ध करवाने में भी मदद की जायेगी।
किन्नर समुदाय के लोगों ने भी अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस समुदाय में भी अनेक लोग अच्छे एजुकेटेड हैं किन्तु उचित मंच ना मिल पाने के चलते ही समाज में अपना सार्थक योगदान नहीं दे पा रहे हैं, अब इस तरह के प्रशिक्षण व स्वरोजगार कार्यक्रम से वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे तथा समाज की मुख्यधारा से भी जुड़ सकेंगे। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने हेतु अधिक तन्मन्यता से कार्य करने तथा विभिन्न क्षेत्रों में ‘कौशल विकास प्रशिक्षण’ के लिए प्रचार-प्रसार के दौरान ही 2-3 दिन एक ही जगह हाॅल्ट करते हुए युवाओं के साथ-साथ पंजीकरण करने के सेवायोजन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि सेवायोेजन विभाग ‘कौशल विकास प्रशिक्षण’ एवं स्वरोजगार प्रोत्साहन हेतु प्रारूप तैयार करते हुए विकासखण्ड के माध्यम से हर ग्राम पंचायत तक पंहुचाने तथा प्रत्येक ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के पास अनिवार्य रूप से रोजगार चाहने वाले युवाओं का पंजीकरण रजिस्टर हो, जिसमें जिस तरह का व्यवसाय कोई व्यक्ति चाहता हैं उसका सब विवरण हो, साथ ही स्किल्ड प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवाओं को विभिन्न रोजगार देने वाली फर्मों से टाइअप, वित्तीय तथा अन्य तकनीकी सहायता प्रदान करते हुए सुनिश्चित करें कि यदि किसी व्यक्ति में हुनर है, विजन है तो उसको अनिवार्यतः स्वरोजगार से जोड़ने पर फोकस करें। जिलाधिकारी ने कहा कि लोगो को स्वरोजगार की सफलता की कहानी से भी प्रेरित करें और ग्राम प्रधानों का भी इसमें यथा संभव सहयोग लें।
इस अवसर पर बैठक मुख्य विकास अधिकारी जी.एस रावत, उप निदेशक व उप परियोजना समन्वयक उत्तराखण्ड कौशल विकास चन्द्रकान्ता, जिला सेवायोजन अधिकारी प्रवीन गोस्वामी, क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी ममता चैहान, वैयक्तिक सहायक मैडम रजनी रावत, मिनल गावस्कर सहित बड़ी संख्या में अन्य समुदाय के लोग व सेवायोजन विभाग के कार्मिक उपस्थित थे।