खेलो इंडिया अभियान ने देश में खेलों के प्रति आकर्षण और युवा टैलेंट की पहचान में अहम भूमिका निभाई हैः-नरेन्द्र मोदी
नई दिल्ली। खेलो इंडिया अभियान की शुरुआत करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं आपके साथ टेक्नॉलॉजी के माध्यम से जुड़ रहा हूं, लेकिन वहां जो माहौल है, जो उत्साह है, जो जुनून है, जो ऊर्जा है, उसको मैं अनुभव कर सकता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि ओडिशा में नया इतिहास बना है। भारत के इतिहास में पहले खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की शुरुआत आज से हो रही है। आने वाले दिनों में आपके सामने लक्ष्य 200 से ज्यादा गोल्ड मेडल जीतने का तो है ही, उससे भी अहम आपके अपने प्रदर्शन में सुधार और आपके खुद के सामर्थ्य को नई ऊंचाई देना है।
तीन सालों में खिलाड़ियों की संख्या हुई 6 हजार से अधिक वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भुवनेश्वर में आप एक दूसरे से तो कंपीट कर ही रहे हैं, खुद से भी कंपीट कर रहे हैं। आज का ये दिन सिर्फ एक टूर्नामेंट का आरंभ मात्र नहीं है, बल्कि भारत में खेल आंदोलन के अगले चरण की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया अभियान ने देश के कोने-कोने में खेलों के प्रति आकर्षण और युवा टैलेंट की पहचान में अहम भूमिका निभाई है। साल 2018 में जब खेलो इंडिया गेम्स की शुरुआत हुई थी। तब इसमें 3500 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। लेकिन महज तीन वर्षों में खिलाड़ियों की संख्या 6 हजार से अधिक हो गई है यानि लगभग दोगुनी।
किए जा रहे हैं ईमानदार प्रयास पीएम मोदी ने कहा कि बीत 5-6 वर्षों से भारत में स्पोर्ट्स के प्रमोशन और पार्टिशिपेशन के लिए ईमानदार प्रयास किए जा रहे हैं। टैलेंट की पहचान हो, ट्रेनिंग हो, या फिर चयन प्रक्रिया हो, हर तरफ ट्रांसपेरेंसी को प्रमोट किया जा रहा है। ये वो खिलाड़ी हैं जो टोक्यो ओलंपिक्स में हिस्सा लेने के लिए संभावित हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि इस योजना का लाभ पाने वाले खिलाड़ियों ने कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स, एशियन पैरा गेम्स, यूथ ओलंपिक्स जैसे मुकाबलों में 200 से अधिक पदक देश को दिलाए हैं। खिलाड़ी अपना ध्यान सिर्फ अपने श्रेष्ठ प्रदर्शन पर लगाए और बाकी की चिंता देश कर रहा है। प्रयास ये है कि पढ़ाई के साथ-साथ खेल भी बढ़े और फिटनेस का लेवल भी ऊंचा हो।