National

नागरिकता कानून को लेकर हुई हिंसा पर असम सरकार के मंत्री हेमंत बिस्वसर्मा ने इशारों में कांग्रेस पर साधा निशाना

गुवाहाटी। नागरिकता कानून के विरोध में असम में हुए आंदोलन के दौरान भारी हिंसा को लेकर राजनीतिक आरोप प्रत्यारोपों का दौर थम नहीं रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के पूर्वोत्तर की नागरिकता कानून विरोधी हिंसा में कांग्रेस का हाथ होने के आरोपों के बाद असम की भाजपा सरकार ने भी मुख्य विपक्षी दल पर उंगली उठाई है। असम के वरिष्ठ मंत्री हेमंत बिस्वसर्मा ने कांग्रेस का नाम लिये बगैर उसकी ओर इशारा करते हुए कहा कि एक विशेष राजनीतिक दल ने अराजकतत्वों के जरिये विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा कराई।

       राज्य सरकार नागरिकता कानून के विरोध की आड़ में हिंसा करने वाले 190 अराजकतत्वों को अभी तक गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस और अर्धसैनिक बलों की सख्ती के चलते हिंसा थम गई है। मगर उपद्रवियों को मौका नहीं देने के लिए गुवाहाटी समेत कई जिलों में रात का कफ्र्यू और इंटरनेट पर पाबंदी अभी जारी है। सूबे में विरोध प्रदर्शन अभी जारी है और सोमवार को सत्याग्रह आंदोलन के तहत लोगों ने सांकेतिक गिरफ्तारी भी दी।

       विरोध प्रदर्शन के हिंसक दौर के थमने के बाद थोड़ी राहत महसूस कर रही राज्य सरकार ने सोमवार को इस आंदोलन को समर्थन दे रहे राजनीतिक दलों को कठघरे में खड़ा करने के प्रयास किया। सोनोवाल सरकार में नंबर हेमंत बिस्वसर्मा ने नागरिकता कानून के बाद गुवाहाटी में पहली प्रेसवार्ता में कहा कि जिन 190 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उसमें कई लोग एक विशेष राजनीतिक दल से जुड़े हैं। उन्होंने इस पार्टी का नाम नहीं लिया, मगर उनका साफ इशारा कांग्रेस की ओर था। हिंसक विरोध प्रदर्शन करने वाले तत्वों के खिलाफ 136 मुकदमे दर्ज करने की बात भी उन्होंने कही। हेमंत बिस्वसर्मा ने गिरफ्तार लोगों में कांग्रेस से जुडे़ लोगों का भले ही सीधे जिक्र नहीं किया, लेकिन असम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राज्यसभा सदस्य रिपुल बोरा ने माना कि युवा कांग्रेस और एनएसयूआई के कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गुवाहाटी और अपर असम के जिलों डिब्रूगढ़, जोरहाट और गोलाहाट आदि में यह गिरफ्तारियां हुई हैं। हालांकि रिुपुल बोरा ने युवा कांग्रेस एवं एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी को भाजपा और आरएसएस की साजिश करार दिया। उनका कहना था कि नागरिकता कानून के खिलाफ भाजपा संघ को लेकर लोगों में जो गुस्सा है, उससे ध्यान बंटाने और कांग्रेस को बदनाम करने के लिए यह गिरफ्तारियां की गई हैं।
      नागरिकता कानून के खिलाफ आंदोलन करने के बहाने हिंसा करने वाले अराजकतत्वों में अधिकांश एक समुदाय विशेष बांग्लादेशी घुसपैठियों के शामिल होने की बात कही जा रही है। नये कानून के तहत जाहिर तौर पर ऐसे लोगों की नागरिकता की राह बंद हो गई है। हेमंत बिस्वसर्मा ने अपनी प्रेसवार्ता के दौरान गिरफ्तार कुछ आरोपियों के नाम का खुलासा कर कुछ ऐसा ही संकेत दिया। जबकि असम भाजपा के अध्यक्ष रंजीत कुमार दास का साफ कहना है कि नागरिकता कानून के खिलाफ माहौल का सियासी फायदा उठाने के लिए बांग्लादेशी अल्पसंख्यक घुसपैठियों के जरिये हिंसा कराई गई है। दास के मुताबिक इस हिंसा में कांग्रेस और वामपंथी दलों से जुड़े संगठनों का हाथ है। और इनका मकसद हालात का राजनीतिक फायदा उठाना है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button