Uttarakhand

केबीसी में अमिताभ बच्चन के साथ दिखाई दिए दून के सोशल वर्कर

देहरादून। अनुराग चौहान जो कि देहरादून उत्तराखण्ड के ही हैं, को हाल ही में भारतीय टेलीविजन गेम शो कौन बनेगा करोड़पति के 12वें सीजन में विशेषज्ञ सलाहकार के रूप में आमंत्रित किया गया। वह शो के 13वें एपिसोड में दिखाई दिए, जो की 14 अक्टूबर को सोनी टीवी चैनल पर प्रसारित हुआ। शो के दौरान, मशहूर बॉलीवुड अभिनेता और केबीसी के महानायक अमिताभ बच्चन ने अनुराग का परिचय दिया। अमिताभ ने अनुराग के एनजीओ ‘ह्यूमन्स फॉर ह्यूमैनिटी’ पर एक अंतर्दृष्टि दी और बताया की यह संस्था किस तरह से जनता को मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में शिक्षित करने व जागरूकता फैलाने की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने अनुराग के अन्य उपक्रम ‘देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल’ के बारे में भी दर्शकों को जानकारी दी। शो में ‘एक्सपर्ट एडवाइस लाइफलाइन’ के दौरान, अनुराग ने विशेषज्ञ सलाहकार के रूप में हॉट सीट पर बैठे प्रतिभागी की एक सवाल पर सहायता करी। अनुराग द्वारा सवाल का सही विकल्प चुनने पर प्रतियोगी ने 25 लाख रुपये की धन राशि जीती।
       केबीसी पर एक विशेषज्ञ सलाहकार के रूप में आमंत्रित किए जाने पर अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए, अनुराग ने कहा, “कौन बनेगा करोड़पति शो का हिस्सा बनना मेरे लिए एक शानदार अनुभव रहा। यह गौरतलब व सराहनीये है की कोविड-19 के चलते सभी एहतियाती उपायों को ध्यान में रखते हुए, केबीसी में डिजिटल साधनों के माध्यम से हर चीज को सुगम बनाया गया। मैं ख़ास तौर से अमिताभ बच्चन जी को उनके अद्भुत काम के प्रति समर्पण के लिए बधाई देना चाहूंगा, क्यूंकि हाल ही में कोविड से लड़ाई जीत कर वह केबीसी के सेट पर बखूबी अपनी भूमिका निभा रहे हैं।”
        अनुराग चौहान देहरादून में जन्मे 26 वर्षीय सामाजिक उद्यमी हैं, जो बहुत ही निविदा उम्र से विभिन्न सामाजिक पहल पर काम कर रहे हैं। वह ‘ह्यूमन्स फॉर ह्यूमैनिटी’ और ‘देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल’ के संस्थापक हैं। उन्हें यूनाइटेड नेशंस द्वारा प्रतिष्ठित करमवीर चक्र और आरईएक्स ग्लोबल फेलोशिप से भी सम्मानित किया गया है।
       कोविड -19 महामारी के दौरान, अनुराग के एनजीओ ‘ह्यूमन्स फ़ॉर ह्यूमैनिटी’ ने 1800 से अधिक परिवारों को राशन किट वितरित किये, और उन परिवारों को पका हुआ भोजन उपलब्ध कराया जिनके पास खाना पकाने के लिए गैस सिलेंडर नहीं थे। एनजीओ ने ऑनलाइन माध्यम से सैनिटरी नैपकिन बनाने के लिए लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में सैकड़ों पुरुषों, महिलाओं, सामुदायिक कार्यकर्ताओं और एनजीओ को प्रशिक्षित किया। ह्यूमन्स फ़ॉर ह्यूमैनिटी ने भी 25000 से अधिक पैड वितरित किए हैं और हाल ही में उत्तराखंड में एक कार्यशाला भी आयोजित करी, जहाँ उन्होंने स्थानीय महिलाओं के बीच इको फ्रेंडली, हस्तनिर्मित स्वच्छता किट का वितरण किया ।

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