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J&K: राज्यपाल शासन के दौरान आतंकी घटनाओं में देखी गई है कमी, पत्थरबाजी बढ़ी

नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन के दौरान आतंकी घटनाओं में कमी आई है। हालांकि पत्थरबाजी की घटनाओं की मामूली वृद्धि हुई है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक पीडीपी-भाजपा गठबंधन की सरकार टूटने के बाद राज्य में लगाए गए राज्यपाल शासन में आतंकी हिंसा की वारदात में कमी आई हैं।

गृह मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, 16 जून से 15 जुलाई के बाद से रमजान के महीने की तुलना में आतंकवादियों द्वारा किए गए हमलों में कमी आई है। रमजान के दौरान एकतरफा संघर्ष विराम लागू था। जब संचालन का निलंबन लागू था। 16 मई को रमजान के महीने की शुरुआत के साथ मिलिट्री ऑपरेशन को बंद कर दिया गया था। भाजपा द्वारा महबूबा मुफ्ती वाली गठबंधन सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद 20 जून को राज्य में राज्यपाल शासन लगा दिया गया था।

पिछले एक महीने में 47 आतंकी घटनाएं हुईं, लेकिन रमजान के महीने में एकतरफा संघर्ष विराम के दौरान ऐसी घटनाओं की संख्या 80 थी। इनमें आधी ग्रेनेड फेंकने और मामूली फायरिंग की घटनाएं थी। राज्यपाल शासन के दौरान 14 आतंकियों को मार गिराया गया, जबकि पांच पुलिसकर्मी शहीद हुए। वहीं, रमजान महीने में 24 आतंकियों को मारा गया और 10 सुरक्षा बल के जवान शहीद हुए। राज्यपाल के शासन के एक महीने के दौरान पत्थरबाजी की 95 मामले दर्ज हुए, जबकि सीजफायर के दौरान ये संख्या 90 थी। एकतरफा संघर्ष विराम के मुकाबले राज्यपाल शासन में सुरक्षा बलों द्वारा चलाए गए ऑपरेशन के दौरान सात स्थानीय नागरिकों की मौत हुई, जबकि रमजान के महीने में ये संख्या चार थी।

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