जानिये निर्भया की मां ने क्यूं लताड़ा वकील इंदिरा जयसिंह को
नई दिल्ली। देश की जानी-मानी वकील इंदिरा जय सिंह एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार भी वह अपने विवादित बयान के चलते चर्चा में आई हैं और सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रही हैं। दरअसल, उन्होंने ट्वीट कर निर्भया की मां को सुझाव दिया है कि वे चारों दोषियों मुकेश सिंह, अक्षय सिंह ठाकुर, पवन कुमार गुप्ता और विनय कुमार शर्मा को सोनिया गांधी की तरह कातिलों को माफ करने की सलाह दी है। इसके इसके बाद सोशल मीडिया पर तो उनकी आलोचना हो ही रही है, साथ ही निर्भया की मां ने भी जमकर लताड़ लगाई है। कहा है कि वह निर्भया के दोषियों का पक्ष ले रही हैं। आइये जानते हैं कौन हैं इंदिरा जय सिंह जो अपने विवादित बयानों के लिए हमेशा चर्चा में रहती हैं।
1. इंदिरा जय सिंह सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं और खासकर बड़े मामलों को लेकर हमेशा चर्चा में रहती हैं। वर्ष, 1986 में इंदिरा जयसिंह बॉम्बे हाई कोर्ट की पहली वरिष्ठ एडवोकेट बनी थीं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत मानवाधिकार और महिला अधिकारों की लड़ाई के साथ की थी। इसी कड़ी में दक्षिण के एक राज्य केरल की कुच महिलाओं को उनकी संपत्ति का अधिकार दिलवाया था। इसके साथ ही उन्होंने रूपन बजाज के लिए कानूनी लड़ाई भी लड़ी। रुपन वहीं महिला आइएएस अधिकारी हैं, जिन्होंने वर्ष 1988 में पंजाब के तत्कालीन डीजीपी केपीएस गिल पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। यह लड़ाई 17 सालों तक इंदिरा जयसिंह ने लड़ी और रुपन के हक में फैसला हुआ।
2. इंदिरा को 2009 में देश की पहली महिला अतिरिक्त सॉलिसिटर बनने का सौभाग्य हासिल हुआ था।
3. वर्ष, 2018 में दुनिया की नामी मैगजीन में शुमार ‘फॉर्च्यून मैगजीन’ ने दुनिया के टॉप 50 नेताओं में भारत की मशहूर वकील इंदिरा जय सिंह को शामिल किया। बता दें कि ‘फॉर्च्यून मैगजीन’ पूरी दुनिया में चर्चित है और खूब पढ़ी जताई है।
4. इंदिरा जय सिंह एक प्रतिष्ठित एनजीओ भी चलाती हैं और उसका नाम लॉयर्स कलेक्टिव है। पिछले दिनों यहां पर छापा भी पड़ा था, जिसमें उनके एनजीओ पर अनियिमतता के आरोप लगाए गए थे।
5. लॉयर्स कलेक्टिव एनजीओ की स्थापना इंदिरा जय सिंह ने अपने पति आनंद ग्रोवर के साथ मिलकर वर्ष, 1981 में की थी। उनका यह एनजीओ महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ता है, इसमें कानूनी लड़ाई भी शामिल है।
6. मुंबई में एक सिंधी परिवार में जन्मीं इंदिरा ने बैंगलोर विश्वविद्यालय से बीए और फिर 1962 में बॉम्बे विश्वविद्यालय से एलएमएल की डिग्री हासिल की थी।