जलसंस्थान ने प्रत्येक शाखा में कन्ट्रोल रूम की स्थापना की
देहरादून। उत्तराखण्ड जल संस्थान के अन्तर्गत वर्ष 2022 मानसून अवधि को दृष्टिगत रखते हुये प्रत्येक शाखा में कन्ट्रोल रूम की स्थापना की गयी है तथा हर जनपद में विभाग द्वारा जनपदीय नोडल अधिकारी नामित किये गये है, ताकि भूस्खलन अतिवृष्टि में क्षतिग्रस्त पेयजल योजनाओं को तत्काल चालू करने की सूचना उपलब्ध हो सकें। दैवीय आपदा से सम्बन्धित क्षति को दृष्टिगत करते हुये पेयजल योजनाओं के तत्काल पुनर्स्थापना हेतु 86.31 कि.मी जी.आई पाईप एवं 110.62 कि.मी एच.डी.पी.ई. पाईप कुल 196.93 कि.मी पाईप शाखाओं में बफर के रूप में उपलब्ध है। जल शोधन एवं वीसक्रमण हेतु समस्त शाखाओं में आवश्यक रसायन उपलब्ध करा दिये गये हैं।
आपदा से पेयजल योजनाओं के क्षतिग्रस्त होने पर सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुये पुनर्स्थापना का कार्य किया जाता है, जिससे शाखाओं एवं अन्य योजनाओं में पूर्व से कार्यरत प्रशिक्षित फिटर, बेलदार को तैनात किया जाता है। आपदा की स्थिति में विभिन्न शाखाओं में पेयजल उपलब्ध कराये जाने हेतु 71 विभागीय टैंकर उपलब्ध हैं एवं किराये के 219 पेयजल टैंकर चिन्हित हैं। वर्तमान में सायं 4ः00 बजे की सूचना तक 117 पेयजल योजनायें क्षतिग्रस्त हुई है जिनमें से 114 को अस्थाई रूप से चालू करा दिया गया है। शेष 03 योजनाओं को सुचारू किये जाने का कार्य गतिमान है।