News UpdateUttarakhandसिटी अपडेट

परमार्थ निकेतन पहुंचा ईरान का जिज्ञासु दल

-स्वामी चिदानन्द सरस्वती को अध्यात्म की ज्योति जलाने को आमंत्रित किया
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन में ईरान से जिज्ञासुओं का दल आया है, यह दल कई वर्षो से परमार्थ निकेतन आ रहा है। इस दल के सदस्यों ने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज से निवेदन किया कि वे ईरान की धरती पर आकर वहां पर योग और अध्यात्म का प्रकाश फैलायंे। इस हेतु उन्होंने पूर्व में भी ने अनेक बार निवेदन किया कि वे ईरान की धरती पर आकर वहां के श्रद्धालुओं को दर्शन और आशीर्वाद देने की कृपा करें। स्वामी जी ने ईरानी दल का निमंत्रण स्वीकार करते हुये कहा कि वे आगामी वर्ष में अपनी यौगिक टीम के साथ ईरान जाने का प्रयास करेंगे।
 स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने ईरान से आये प्रतिनिधिमंडल से कहा कि ईरान में तेल के अपार भण्डार हैं, जिससे ईरान ने अद्भुत प्रगति की है, उसी तरह से जल संरक्षण के क्षेत्र में भी आगे आना होगा। हम सभी को जल के संरक्षण हेतुु मिलकर कार्य करने की जरूरत है। उन्होने कहा कि केवल तेल  से हमारा काम नहीं चलेगा पर्याप्त जल का होना भी जीवन के लिये बहुत जरूरी है। स्वामी जी ने कहा कि आप सभी अपने टाइम, टैलंेट, टेक्नोलाॅजी एवं टेनासिटी के साथ जल संरक्षण के लिये कार्य करें। आज समय है जब हम जल संरक्षण के माध्यम से अपनी भावी पीढ़ियों के लिये कुछ कर सकते हंै। जल संरक्षण के लिये अपने सेल्फ को जोडंघ्े’ और फिर जनमानस को भी इसके लिये जागृत करें। साथ ही उन्होेंने वैश्विक स्तर पर बढ़ते एकल उपयोग प्लास्टिक का उपयोग कम करने हेतु प्रेरित करते हुये कहा कि हमें ‘‘यूज एंड थ्रो’’ कल्चर की नहीं बल्कि री-यूज, रीडयूस और रिसाइकल की संस्कृति को आत्मसात करना होगा। अब समय आ गया है कि हम इकोनाॅमी और इकोलाॅजी को साथ-साथ लेकर आगे बढ़े। ईरान से आये चान्द्रा जी ने कहा कि परमार्थ निकेतन आकर जो सुकून और शान्ति मिलती है वह अद्भुत है उसका वर्णन अलौकिक है, मेरे पास उसको व्यक्त करने के लिये शब्द नहीं है, यह अनुभूति मेरे शब्दों से परे हैं। हम जब भी परमार्थ निकेतन आते हंै पूज्य स्वामी जी के दर्शन करते हंै तथा गंगा आरती में बैठते हंै तो एक अलौकिक आनन्द प्राप्त होता है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती के पावन सान्निध्य में ईरान से आये प्रतिनिधिमंडल में चान्द्रा, फरीदा, असगर, फरजाना, बहमान, नाजमा, अलिरेजा और अन्य सदस्यों ने विश्व स्तर पर स्वच्छ जल की आपूर्ति हेतु विश्व ग्लोब का जलाभिषेक किया। स्वामी ने सभी को जल एवं पर्यावरण संरक्षण का संकल्प कराया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button