बैंकों को विभिन्न योजनाओं के तहत दिसंबर तक ऋणों के लक्ष्य को 75 प्रतिशत प्राप्त करने के निर्देश दिए
देहरादून। अपर मुख्य सचिव वित्त आनन्दवर्धन ने गुरुवार को सचिवालय में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 83वीं बैठक की अध्यक्षता के दौरान दिसम्बर माह के अन्त तक सभी बैंकों द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत वितरित किए जाने वाले ऋणों के लक्ष्य को 75 प्रतिशत तक प्राप्त करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने पीएम स्वनिधि के तहत प्राप्त ऋण आवेदनों का 30 नवम्बर तक निस्तारण का लक्ष्य बैंकों को दिया है।
अपर मुख्य सचिव ने केन्द्र एवं राज्य सरकार की एमएसएमई से सम्बन्धित ऋण योजनाओं में ओपरलेपिंग का परीक्षण कराकर रिपोर्ट भेजने के निर्देश भी दिए हैं। एसीएस ने सभी बैंकों को सरकार प्रयोजित ऋण योजनाओं के तहत निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने तथा बैंक शाखाओं में लंबित ऋण आवेदन पत्रों के त्वरित निस्तारण, स्वयं सहायता समूहों का क्रेडिट लिंकेज बढ़ाने, विभिन्न सरकारी विभागों को निजी बैंकों को भी स्पेशल कॉम्पानेन्ट प्लान के तहत ऋण आवेदन भेजने, बैंक सखी, कॉमन सर्विस सेन्टर, राशन विक्रेताओं, स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को भी बी. सी. ( बैंक कॉरोस्पॉन्डेट) के कार्य प्रदान करने, बैंकों को राज्य के दूर दराज के पर्वतीय क्षेत्रों में नई शाखाएं खोलकर राज्य में वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, पीएम स्वनिधि योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना नैनो में ऑवरलेपिंग की स्थिति प्रदर्शित हो रही है। बैंकों में एनपीए की वृद्धि को रोकने तथा बैंकिंग को सस्टेनबल बनाने हेतु सभी संबंधित विभागों से सहयोग एवं सार्थक प्रयास की अपेक्षा की गई है। बैठक में बैंकों से स्थानीय स्तर पर प्रशासन से समन्वय स्थापित करते हुए एनपीए कम करने के प्रयास करने तथा तहसील से आर. सी. (रिकवरी सर्टिफिकेट) का मिलान करते हुए ऋण राशि की वसूली हेतु अमीनों का सहयोग प्राप्त करने का आग्रह किया गया है। भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड में 103 गांव जो कि 05 कि0मी0 परिधि के अंतर्गत बैंकिंग सेवाओं से आच्छादित नहीं है, की सूची जिला सहकारी बैंक को इस आशय से प्रेषित की गयी है कि वे इन गांवों में शाखा खोलने की संभावनाओं का अध्ययन करेंगे। भारत सरकार द्वारा पीएमजेडीवाई, पीएमएसबीवाई तथा पीएमजेजेबीवाई जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकाधिक खाताधारकों को आच्छादित किए जाने के भी निर्देश मिले हैं। इस दिशा में राज्य में 3159504 खाताधारकों को पीएमजेडीवाई, 2385330 खाताधारकों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, 595833 खाताधारकों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, 507324 खाताधारकों को अटल पेंशन योजना से जोड़ा गया है। उत्तराखण्ड में 100 प्रतिशत डिजिटल पेमेंट ईको सिस्टम को प्रोत्साहित करने की दिशा में अल्मोड़ा तथा चमोली जिले आगे चल रहे हैं। अल्मोड़ा में 99 प्रतिशत तथा चमोली में 84 प्रतिशत बचत खाते डिजिटली आच्छादित हो चुके हैं। डिजिटाइजेशन के तहत रुपे कार्ड, आधार इनएबल्ड एवं इन्टरनेट कनेक्टीविटी को प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य में अगले चरण में 1238 गांवों में फॉर जी टॉवर स्थापित किए जा रहे हैं। राज्य के सभी जिलों की खसरा खतौनी भू-लेख पोर्टल पर दर्ज कर दी गयी है। अल्मोड़ा तथा पौड़ी गढ़वाल दो जिलों में भूमि का नक्शा बनाने कार्य पूर्ण हो चुका है। अवशेष जिलों में कार्य प्रगति पर है। बैठक में सचिव कृषि बी वी आर सी पुरूषोतम, अपर सचिव सी रविशंकर, क्षेत्रीय निदेशक आरबीआई लता विश्वनाथन, एसएलबीसी संयोजक दिग्बिजय सिंह रावत तथा शासन के वरिष्ठ अधिकारी व बैंक अधिकारी उपस्थित थे।