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‘विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार का भविष्यः शिक्षा, कौशल और कार्य पर प्रभाव’ पर वेबिनार आयोजित

देहरादून/नरेन्द्रनगर। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर राजकीय महाविद्यालय नरेन्द्रनगर में विज्ञान संकाय के तत्वावधान में विज्ञान, तकनीकी व नवाचार विषयक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में देश के विभिन्न प्रान्तों से अकादमिक और इन्डस्ट्री से जुडे़ विशेषज्ञों सम्मिलित हुए। कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ0 अनिल कुमार नैथानी ने विज्ञान तकनीकी एवं नवाचार को मानव जाति की महानतम उपलब्धि बताते हुए सभी विषय विशेषज्ञों ाक स्वागत किया। इस अवसर पर प्रेसीडेंसी काॅलेज, चेन्नई के डाॅ0 शिव कुमार ने सर सी0 वी0 रमन तथा उनके शोध पर प्रकाश डालते हुए वैज्ञानिक सोच को वैज्ञानिक शोध का आधार बताते हुए इसकी अनिवार्यता पर बल दिया। जम्मू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर यशपाल शर्मा ने प्रकृति के साथ सामन्जस्य बनाकर रहते हुए प्रकृति के सस्टेनेबल प्रयोग की बात पर प्रकाश डाला वहीं विख्यात पारिस्थिकी विज्ञानशास्त्री प्रोफेसर जी. एस. रजवार ने मानव जाति के विकास क्रम की व्याख्या के साथ ही विधाथियों के लिए सम्भावित वैज्ञानिक पाठयक्रमों से अवगत करवाया।
कार्यक्रम में प्रख्यात शिक्षाविद तथा पर्यावरणविद डाॅ0 मधु थपलियाल ने ‘विज्ञान में महिलाओं की भूमिका‘ विषय पर चर्चा करते हुए महिला वैज्ञानिकों की उपलब्धियों का उल्लेख किया। कार्यक्रम में बहुराष्ट्रीय फार्मास्युटिकल कम्पनी में कार्यरत मीनाक्षी उनियाल ने एक रासायनिक अणु के दवा बनने की यात्रा के विभिन्न चरणों का वर्णन करने के साथ ही इन्डस्ट्री में सम्भावित रोजगार के अवसरों के बारें में भी छात्रों को अवगत करवाया। वेबिनार में उपस्थित द न्यू काॅलेज चेन्नई के डाॅ0 आर0 सुगाराज सेम्यूअल ने ‘नवाचार क्या है‘ विषयक व्याख्यान में छात्रों को वैज्ञानिक सोच के विकास की आवश्यकता पर बल दिया। इस कार्यक्रम में राजकीय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर चमोली के डाॅ0 मनीष  बेलवाल ने आलू तथा बे्रड पर होने वाली फंगल बीमारियों के बारे में बताते हुए बायो-फर्टिलायजर पर अपनी प्रस्तुति दी। वही राजकीय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर चमोली के भौतिक विज्ञान विभागाध्यक्ष डाॅ0 दिनेश चन्द्र सती ने नैनो पार्टिकल्स तथा पैनो स्केल पर विज्ञान व तकनीकी के योगदान की चर्चा की।
कार्यक्रम में उपस्थित राजकीय सनात्कोत्तर महाविद्यालय नई टिहरी के भौतिक विज्ञान विभागाध्यक्ष डाॅ0 कुलदीप सिंह तथा एल0 एस0 एम0 राजकीय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय पिथौरागढ़ के डाॅ0 शंकर मण्डल ने पुरातन तथा वैदिक शिक्षण पद्धतियों का वर्णन किया। राजकीय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर चमोली की डाॅ0 प्रियंका उनियाल ने कोविड-19 महामारी के दौर में शिक्षा पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम में बी0एससी0 की छात्रा रिया भण्डारी एवं छात्र अंकित रंजन ने वर्तमान में विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी का शिक्षा में योगदान पर अपने विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम का समापन कार्यक्रम की सम्नवयक एवं संयोजिका डाॅ0 रश्मि उनियाल ने धन्यवाद ज्ञापित कर किया। कार्यक्रम का संचालन विज्ञान संकाय के प्राध्यापकों डाॅ0 रश्मि उनियाल, डाॅ0 शैलजा रावत, डाॅव चन्दा टी0 नौटियाल व डाॅ0 चेतन भटट ने किया। डाॅ0 सृचना सचदेवा, डाॅ0 नताशा, डाॅ0 पारूल मिश्रा, डाॅ0 मनोज कुमार, डाॅ0 सोनी तिलारा, डाॅ0 सोनिया, डाॅ0 विक्रम सिंह बत्र्वाल आदि उपस्थित रहें।

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