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आने वाले समय में भारत विश्व की शक्ति होगीः महामंडलेश्वर स्वामी अर्जुन पुरी
हरिद्वार। तुलसी मानस मंदिर पीठाधीश्वर सप्त सरोवर मार्ग जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी अर्जुन पुरी महाराज ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि शास्त्रों में गु का अर्थ बताया गया है। अंधकार या मूल अज्ञान और रू अर्थ किया गया है, प्रकाश उसका निरोधक। गुरु को गुरु इसलिए कहा जाता है कि वह अज्ञान तिमिर का गाना शलाका से निवारण कर देता है। अर्थात दो अक्षरों से मिलकर बने गुरु शब्द का अर्थ प्रथम अक्षर का अर्थ अंधकार होता है ,जबकि दूसरे अक्षरों का अर्थ उसको हटाने वाला होता है।
गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरा गुरु साक्षात परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः अपनी महत्ता के घर गुरु को ईश्वर से भी ऊंचा पद दिया गया है। शास्त्र वाक्य ने ही गुरु को ही ईश्वर के विभिन्न रुपो ब्रह्मा विष्णु एवं महेश के रूप में स्वीकार किया गया है। गुरु को ब्रह्मा कहा गया क्योंकि वह शिष्य को बनाता है। नया जन्म देता है। गुरु तत्व की प्रशंसा तो सभी शास्त्रों ने कि गुरुदेव ने बताया कि आज विश्व में वैश्विक कोरोना महामारी एक भयंकर रूप धारण किए हुए हैं। मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आज से यह महामारी का अंत शुरू हो जाएगा मेरा निवेदन है कि जो केंद्र सरकार व राज्य सरकार के द्वारा बनाए गए नियम व कानून हम लोगों को स्वीकार करनी चाहिए। जैसे उचित दूरी बना कर रखना मास्क लगाना सैनिटाइजर करना आदि। इससे हम सुरक्षित होंगे और दूसरों को भी सुरक्षित रखने में हमारी भूमिका होगी गुरुदेव के भक्त विश्व ब्राह्मण संघ के प्रवक्ता बी के शर्मा हनुमान ने कहा कि गुरु की भूमिका भारत में केवल आध्यात्मिक या धार्मिकता तक सीमित नहीं रही है। देश पर राजनीतिक विपदा आने पर गुरु ने देश को उचित सलाह देकर विपदा से उभारा भी है। अर्थात अनादिकाल से गुरु ने शिष्य का हर क्षेत्र में व्यापक व समग्रता से मार्गदर्शन किया है। अतः सद्गुरु की ऐसी महिमा के कारण उसका व्यक्तित्व माता-पिता से भी ऊपर है। आज वैश्विक कोरोना महामारी के कारण मेरा परिवार अस्त व्यस्त हो गया था लेकिन आज में गुरुदेव की कृपा से वह जनमानस के आशीर्वाद से मैं स्वस्थ की ओर अग्रसर हूं यह सब गुरुदेव की कृपा है।