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वैश्विक ताकत के तौर पर दर्जा चाहता है भारत : पेंटागन

पेंटागन के शीर्ष गुप्तचर प्रमुख ने अमेरिकी सांसदों
से मंगलवार को कहा कि भारत एक वैश्विक ताकत के तौर पर दर्जा चाहता है और ऐसे में भारत उस लक्ष्य को हासिल करने के लिए अपने सामरिक बलों को आवश्यक तत्व मानता है।

डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी के निर्देशक लेफ्टिनेंट जनरल रॉबर्ट एश्ले ने सीनेट की सशस्त्र सेवा कमेटी के सदस्यों को बताया कि भारत ने स्वदेश निर्मित अपनी पहली परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत को सेवा में शामिल कर लिया है और वह अपनी दूसरी परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिघात की आपूर्ति लेने की तैयार कर रहा है।

एश्ले ने कहा, ‘‘ नई दिल्ली एक वैश्विक शक्ति का दर्जा चाहता है और उस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सामरिक बलों को आवश्यक तत्व मानता है।’’ उन्होंने कहा कि भारत घरेलू स्तर पर और व्यापक हिंद महासागर में अपने हितों की रक्षा के लिए स्वयं को बेहतर स्थिति में रखने के लिए अपनी सेना का लगातार आधुनिकीकरण कर रहा है। भारत इसके साथ ही पूरे एशिया में अपनी कूटनीतिक और आर्थिक पहुंच मजबूत कर रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘नियंत्रण रेखा पर भारतीय और पाकिस्तानी बलों के बीच भारी गोलीबारी का जारी रहना अनजाने में या धीरे धीरे शत्रुता बढऩे का खतरा उत्पन्न करता है।’’ उन्होंने कहा कि2017 में भारत और चीन की सेनाओं के बीच डोकलाम में लंबे समय तक चले गतिरोध ने भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ा दिया था और इससे दोनों पक्षों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास अपने बलों की संख्या बढ़ा दी थी।

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