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सामुदायिक विकास के क्षेत्र में के.एल. डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी के प्रयासों की राष्ट्रीय स्तर पर हुई सराहना

देहरादून। देश में ग्रेजुएशन और उच्च शिक्षा के लिए प्रमुख विश्वविद्यालयों में से एक, के.एल. डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी के एन.एस.एस. (नेशनल सर्विस स्कीम) सेल ने स्वच्छ भारत कार्यक्रम का बेहद कुशल तरीके से संचालन किया, जिसके लिए देश भर में यूनिवर्सिटी की तारीफ़ हो रही है। युवा मामलों के मंत्रालय के अधीन काम करने वाले एक सरकारी निकाय, एन.एस.एस. के तहत यूनिवर्सिटी के छात्रों ने अपनी गतिविधियों को पूरे उत्साह के साथ आगे बढ़ाना जारी रखा। हाल ही में चलाए गए एक कार्यक्रम के तहत, गाँवों में सामूहिक रूप से सार्वजनिक बस स्टैंड, सरकारी स्कूलों, पंचायत कार्यालयों और सड़कों सहित सार्वजनिक इमारतों की साफ-सफाई के उद्देश्य से यूनिवर्सिटी द्वारा 12 गाँवों को गोद लिया गया जहाँ 7000 लोग रहते हैं।
महामारी के दौर में तमाम चुनौतियों के बावजूद, बड़े पैमाने पर चलाए गए स्वच्छता अभियान में के.एल. डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी के 1,000 से अधिक सदस्यों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। एम.बी.ए., बी.बी.ए., सी.एस.ई., कानून और कृषि विभागों के 900 से अधिक छात्रों के साथ-साथ लगभग 100 प्राध्यापकों एवं प्रबंधन कर्मचारियों ने भी इस नेक काम में अपना सहयोग दिया। कोविड से सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन करते हुए इन गतिविधियों का आयोजन किया गया। यूनिवर्सिटी द्वारा गोद लिए गए गाँवों में गुंटूर जिले के पेडापलेम, पथुरु, रेवेंद्रपाडु, कोलानुकोंडा, वड्डेश्वरम, गुंडीमेडा, चिरावुरु, रामचंद्रपुरम, श्रुंगरापुरम, मेलमपुडी, इप्पटाम और आत्मकुरु शामिल हैं। इस मुहिम के अलावा, के.एल. एन.एस.एस. के स्वयंसेवकों ने सभी 12 गाँवों में घर-घर जाकर जागरूकता कार्यक्रम भी चलाया, तथा गाँव के लोगों को कचरे के व्यवस्थित एवं कारगर ढंग से निपटान के तरीकों तथा खराब प्लास्टिक की वजह से प्रकृति को होने वाले नुकसान के बारे में बताया गया। गोद लिए गए इन सभी गाँवों में यूनिवर्सिटी के एन.एस.एस. सेल द्वारा स्वच्छ भारत कार्यक्रमों को आज तक चलाया जा रहा है, ताकि उसने लगातार सुधार हो सके। बड़े पैमाने पर चलाए जा रहे इस कार्यक्रम के बजट में यूनिवर्सिटी के साथ-साथ एन.एस.एस. योजना के तहत युवा मामलों के मंत्रालय का भी योगदान है।

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