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कानूनी सहायता की आॅफलाइन सुविधा के अतिरिक्त आॅनलाइन भी

देहरादून। सिविल जज सीडि व सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नेहा कुशवाहा ने अवगत कराया कि उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, नैनीताल द्वारा उत्तराखण्ड के सरकारी कार्यालयों व न्यायालयों से सम्बन्धित कानूनी सहायता हेतु आॅफलाईन सुविधा के अतिरिक्त आॅनलाईन सुविधा उलब्ध कराई गई है, जिससे सम्बन्धित व्यक्ति राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली की नियमावली के अनुसार स्वंय पोर्टल से लाॅगइन कर प्रार्थना पत्र प्रेषित कर सकता है। पोर्टल हिन्दी व अंगे्रजी दोनों माध्यमों में उपलब्ध है। यह सुविधा आॅफलाईन भी  मिलेगी एवं पात्र व्यक्ति पर जाकर प्रार्थना-पत्र प्रेषित कर सकते हैं। विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा 12 में पात्र व्यक्तियेां को कानूनी सेवाएं दने के मानदण्ड निर्धारित किए गए हैं, जिनमें अनुसूचित जातिध्अनुसूचित जनजाति के सभी नागरिक, संविधान के अनुच्छेद-23 में वर्णित मानव दुव्र्यव्यहारध्बेगार के शिकार व्यक्ति, सभी महिलाएं एवं बच्चे, सभी विकलांग एवं मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति, बहुविनाश, जातीय हिंसा, जातीय अत्याचार बाढ, सूखा एवं भूकम्प प्रभावित या औद्योगिक क्षेत्र में संकट जैसे देवीय आपदा पीड़ित व्यक्ति, औद्योगिक क्षेत्र में कार्य करने वाले सभी मजदूर, जेलध्कारागारध्संरक्षण गृहध्किशोर गृह एवं मनोचिकित्सक अस्पताल या परिचर्या गृह में निरूद्ध सभी व्यक्ति, सभी ऐसे व्यक्ति जिनकी समस्त स्त्रोत से वार्षिक आय 03 लाख तक हो, भूतपूर्व सैनिक, किन्नर समुदाय, वरिष्ठ नागरिक, एड्स पीड़ित व्यक्ति कानूनी सेवाओं के लिए पात्र होंगे।

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