आत्मनिर्भर भारत में पंचायतों की महत्वपूर्ण भूमिकाः मुख्यमंत्री
-मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पंचायत प्रतिनिधियों के साथ ई-संवाद किया
-कोविड-19 से लड़ाई में पंचायत प्रतिनिधियों के योगदान की सराहना की
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में पंचायत प्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। देश के समग्र विकास के लिए गांवों का विकसित होना जरूरी है। ग्राम स्वराज को साकार करना होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत की दिशा में सभी को मिलजुल कर काम करना है। चुनौतियों को अवसर में बदलना होगा। मुख्यमंत्री ने सोमवार को राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, ननूरखेड़ा से वर्चुअल क्लास के माध्यम से प्रदेश के पंचायत प्रतिनिधियों से ई-संवाद किया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस समय पूरा विश्व कोविड-19 के दौर से गुजर रहा है। इस दौरान पंचायत प्रतिनिधियों ने एक योद्धा के तरह की भूमिका का निर्वहन किया है। कोरोना काल में जनप्रतिनिधियों की भूमिका और अधिक बढ़ गई है। कोरोना से लड़ाई लम्बे समय तक चल सकती है, हमें सतर्कता एवं जागरूकता पर विशेष ध्यान देना होगा। भारत में यह संक्रमण को काफी नियंत्रित किया गया है। भारत में इस वायरस से मुत्यु दर बहुत कम है एवं रिकवरी रेट भी अच्छा है। भारत नेट फेज -2 परियोजना में राज्य के 12 जनपदों (हरिद्वार जनपद में पूर्व में किया जा चुका है) के 65 ब्लॉक के अंतर्गत 5991 ग्राम पंचायतों में इंटरनेट पहुचाया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा इसके लिए लगभग 2 हजार करोड़ रूपए की स्वीकृति दी गई है। इससे प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में इंटरनेट पहुचने से विकास के एक नए युग आरंभ होगा व ग्रामीण अंचलों की अर्थ व्यवस्था को गति मिलेगी।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोरोना पर नियंत्रण के लिए हमें स्वच्छता का विशेष ध्यान देना होगा, इसके साथ ही मास्क का उपयोग एवं फिजिकल डिस्टेंस के पालन के लिए लोगों को जागरूक रखना होगा। सावधानी और सतर्कता ही इस बीमारी का सबसे अच्छा निदान है। कोरोना संक्रमण के दौरान विभिन्न राज्यों से उत्तराखण्ड के 03 लाख 28 हजार से अधिक लोग वापस अपने घरों में आये। इसके लिए अनेक राज्यों में ट्रेन एवं बसों की व्यवस्था की गई एवं सबंधित राज्यों से भी सहयोग लिया गया। मुख्यमंत्री ने पंचायत प्रतिनिधियों से आह्वाहन किया कि यह समय डेंगू का भी है। इन तीन महीनों में डेंगू से बचाव के लिए भी विशेष सतर्कता की आवश्यकता है। इसके लिए लोगों में जागरूकता होना जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोविड से निपटने के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। आज हमारे पास वेंटिलेटर, आईसीयू, बैड एवं अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। प्रदेश में प्रतिदिन 02 हजार से अधिक कोरोना टेस्ट हो रहे हैं, कुछ और ट्रू-नेट मशीन हमें मिलने वाली है, जिससे टेस्टिंग में और तेजी आयेगी। प्रदेश में कुल 22 हजार बैड की क्षमता के कोविड केयर सेंटर बनाये गये हैं, हल्द्वानी में 500 बैड की क्षमता को एक और कोविड केयर सेंटर बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमें प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत की दिशा में तेजी से कार्य करने होंगे। अवसर को चुनौतियों में बदलना होगा। देश के समग्र विकास के लिए गांवों का विकसित होना जरूरी है। इसी उद्देश्य से प्रधानमंत्री जी ने आत्मनिर्भर भारत के लिए देशवासियों को 20 लाख करोड़ रूपये का पैकेज दिया है। हमें स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देना होगा। देश में गरीबों को राहत पहुंचाने के लिए नवम्बर माह तक लोगों को 05-05 किग्रा राशन निःशुल्क वितरित किया जा रहा है। भारत आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से अग्रसर है। आज भारत पीपीई किट, एन-95 मास्क की देश में पूर्ति के साथ ही, जरूरतमंद देशों को निर्यात भी कर रहा है। प्रधानमंत्री जी के डिजिटल इंडिया के परिणामस्वरूप आज लोगों को बड़ी राहत मिली है। डिजिटल इंडिया के प्रत्यक्ष परिणाम आज सबके सामने हैं।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश में लोगों को रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत 150 तरह के कार्य किये जा सकते हैं। जिन क्षेत्रों में लोग कार्य करना चाहते हैं, लगभग सभी प्रकार के कार्य इस योजना के अन्तर्गत आच्छादित है। प्रदेश में सीमान्त एवं लघु कृषकों के लिए 03 लाख तक का ऋण ब्याज मुक्त दिया जा रहा है। लोगों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए 10 हजार मोटर साइकिल एवं टैक्सी देने की योजना शुरू की गई है, जिसमें पहले दो साल का ब्याज राज्य सरकार वहन करेगी। लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जा रहा है, ताकि उनके साथ कुछ और लोग भी रोजगार कर सकें। राज्य में सरकारी सेवा में विभन्नि पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार, हिमालयन ग्रीन कन्सेप्ट पर फोकस कर रही है, इसका उद्देश्य हिमालयन उत्पादों को बढ़ावा देना है। हिमालयन उत्पादों की राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर डिमांड बहुत अधिक है एवं इन उत्पादों की अच्छी कीमत भी मिलती है। इसका लाभ सीधे किसानों को मिलेगा। इस अवसर पर वीसी के माध्यम से पंचायतीराज मंत्री अरविन्द पाण्डेय, प्रदेश के सभी जनपदों के जिला पंचायत अध्यक्ष, सदस्य, सचिव शिक्षा आर मीनाक्षी सुंदरम, निदेशक पंचायतीराज एच.सी. सेमवाल एवं जन प्रतिनिधिगण जुड़े थे।