News UpdateUttarakhand

सैनिक पुनर्वास संस्था संचालित योजनाओं को जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करेंः राज्यपाल

देहरादून। सैनिक पुनर्वास संस्था, केंद्रीय सैनिक बोर्ड और अन्य संस्थाओं द्वारा चलायी जा रही योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ सैनिकों तथा उनके आश्रितों को मिले इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए। यह बात राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने सोमवार को राजभवन में उत्तराखण्ड सैनिक पुनर्वास संस्था की बैठक लेते हुए कही। राज्यपाल ने कहा कि सैनिक पुनर्वास संस्था, संचालित योजनाओं को जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि योजनाओं को जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करने और अधिकाधिक लोगों को लाभान्वित करने के लिए योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। उन्होंने कहा कि जानकारी के अभाव में पात्र लोग योजनाओं के लाभ से वंचित हो रहे हैं इस पर विशेष फोकस करने की जरूरत है। राज्यपाल ने योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए नयी तकनीकों के साथ-साथ वेबसाइट, सोशल मीडिया, मास मीडिया का प्रयोग करने के भी निर्देश दिए।
राज्यपाल ने पूर्व सैनिकों, उनके आश्रितों को स्वरोजगार हेतु प्रेरित करने के लिए विशेष कैम्प आयोजित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि कैंप के माध्यम से पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों को स्वरोजगार हेतु प्रशिक्षण एवं जानकारी उपलब्ध करायी जाए इसके लिए जनपदों में तैनात सैनिक कल्याण अधिकारी के माध्यम से मुख्य विकास अधिकारी समन्वय किया जाय। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड सैनिक बाहुल्य प्रदेश है यहां भूतपूर्व सैनिक राज्य में जैविक खेती, नेचुरल फार्मिंग, वनीकरण और सीमांत क्षेत्रों से रिवर्स पलायन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, इस पर भी कार्य करने की जरूरत है। राज्यपाल ने निर्देश दिए कि योजनाओं के बेहतर उपयोग के लिए सभी पूर्व सैनिक, उनके आश्रितों को शामिल करने के लिए एक डाटा बेस तैयार किया जाए। इस बैठक में सचिव सैनिक पुनर्वास दीपेन्द्र चैधरी द्वारा प्रबंधन समिति की आगामी बैठक हेतु बिन्दु प्रस्तावित किए गए। इस बैठक में सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, अपर सचिव स्वाति एस भदौरिया, निदेशक सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर अमृतलाल, वित्त नियंत्रक डॉ. तृप्ति श्रीवास्तव तथा उत्तराखण्ड सैनिक पुनर्वास संस्था के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button