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आईआईटी रुड़की के डी-साइड्स प्रोजेक्ट को आईईईई स्मार्ट सिटी प्रतियोगिता में जूरी अवार्ड मिला

रुड़की। आईआईटी रुड़की की रिसर्च टीम डी-साइड्स प्रोजेक्ट के लिए श्2022 आईईईई स्मार्ट सिटीज अवार्ड का जूरी अवार्डश् जीतने में कामयाब रही। आईआईटी रुड़की के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रो. एन. पी. पाधी, डी-साइड्स प्रोजेक्ट (डीएसटी, भारत द्वारा वित्त पोषित) का नेतृत्व करते हुए, भविष्य में ऐसी ग्रिड का निर्माण करना चाहते हैं जो कि किफायती, भरोसेमंद और विकेंद्रीकृत अक्षय ऊर्जा स्रोतों द्वारा संचालित हैं। संस्थान ने पहले ही परिसर में 36 विभिन्न साइटों में सोलर पीवी सिस्टम स्थापित किया है, जिसमें कुल 2.8 मेगावाट सोलर पावर क्षमता है। डी साइड्स परियोजना के तहत एक आत्मनिर्भर मॉडल का लक्ष्य ग्रीन कैंपस का निर्माण करना है जिससे जीवाश्म ईंधन की खपत को कम होगी और उसे आने वाली पीढ़ियों के लिए बचानी है। संपूर्ण मॉडल समाज के लाभ के लिए स्मार्ट सिटी टेक्नोलॉजी की रिप्लीकेंट है और इंडस्ट्री, एकेडमिक और गवर्नमेंट स्टेकहोल्डर के बीच सूचना के सही प्रकार से आदान-प्रदान करके ग्लोबल स्टैंर्डड स्थापित करना है।
आईआईटी रुड़की डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क एक पारंपरिक ग्रिड प्रणाली पर निर्भर करता है। एक आत्मनिर्भर डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क बनाने के लिए, आईआईटी रुड़की अक्षय संसाधनों का उपयोग करके पर्यावरण के अनुकूल परिसर विकसित करने के लिए हाल के वर्षों में अग्रणी कार्य कर रहा है। स्मार्ट ग्रिड टेक्नोलॉजी को मौजूदा ग्रिड इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ इंटीग्रेट किया जाना चाहिए। इसका लक्ष्य एक आत्मनिर्भर,जीरो-इमिशन ग्रीन कैम्पस का निर्माण करना है। इसके अलावा, एनर्जी स्टोरेज सिस्टम को लागू करने से कार्बन प्रभाव को कम करने के साथ-साथ रिन्यूबल एनर्जी उपयोग में वृद्धि होगी। आईआईटी रुड़की के डायरेक्टर प्रो. के के पंत ने कहा कि, ष्मिशन स्मार्ट शहरों के स्कोप में आधिकारिक आवाज और विश्वसनीय टेक्नोलॉजी की जानकारी और शैक्षिक सामग्री के प्रमुख स्रोत को पहचानना था। आईआईटी रुड़की शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम के संदर्भ में फंक्शनल और एप्लिकेशन डोमेन का अनुसरण करते हुए स्मार्ट सिटी टेक्नोलॉजी के संबंध में अपने सदस्य समितियों के कोलैब्रेशन और व्यक्तिगत कार्य को सम्मान और बढ़ावा देगा।
मॉडल के कामकाज के बारे में बताते हुए, आईआईटी रुड़की के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रो. एन.पी. पाढ़ी ने कहा, ष्आज, जैसे-जैसे सोलर इंस्टॉलेशन का प्रसार हो रहा है, डिस्ट्रीब्यूशन स्तर पर इंटीग्रेशन के साथ डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। रिन्यूबल एनर्जी के बड़े पैमाने पर इंटीग्रेशन के दौरान होने वाली समस्याओं का समाधान करने के लिए और एक घटक स्तर विश्लेषण तक पहुंचने के लिए लूप (पीएचआईएल) सिमुलेशन में पावर हार्डवेयर का उपयोग करके वास्तविक वितरण नेटवर्क में किया जाएगा। आईआईटी रुड़की के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में एडमायर लैब, आरटीडीएस, ओपल-आरटीऔर एफपीजीए कंट्रोलर से सुसज्जित है, जो सोलर इंटीग्रेशन के साथ कमजोर डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क का रियल टाइम अध्ययन है, और मॉनिटरिंग सिस्टम का इम्प्लीमेंटेशन है। कम से कम निवेश के साथ वितरण नेटवर्क की प्रभावकारिता और विश्वसनीयता में सुधार करने के लिए नेटवर्क कॉन्फ़िगरेशन और सौर उत्पादन को ध्यान में रखते हुए डिस्ट्रीब्यूटेड स्टोरेज सिस्टम के चयन, आकार और प्लेसमेंट को ऑप्टिमाइज करने के लिए एक एडवांस स्टोरेज मैनेजमेंट नेटवर्क तैयार किया गया है।

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