आईआईटी रुड़की ने कई नायाब हीरे दिए देश कोः राज्यपाल
देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने रविवार को आईआईटी रुड़की के एलुमनाई एसोसिएशन के देहरादून चैप्टर की ओर से आयोजित आईआईटी रुड़की के 175वें वर्ष के समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। उन्होंने इस अवसर पर आयोजित शोध अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने की दृष्टि से साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और गणित के क्षेत्र में उभरती शक्ति और उसकी उपयोगिता पर केंद्रित अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि आईआईटी रुड़की उत्तराखण्ड और देश का गौरव है। देश की प्रगति में आईआईटी रुड़की का महत्वपूर्ण योगदान है। इस संस्थान ने देश को 43,500 से भी अधिक बौद्धिक प्रतिभाएं तैयार कर देश के विकास में बड़ा योगदान दिया है। राज्यपाल ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन टेक्नोलॉजी, इनोवेशन राष्ट्र की शक्ति को बढ़ाते हैं। साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, गणित जैसे विषयों में निपुणता से हम देश में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। उत्तराखण्ड राज्य के लिए पलायन को रोकने, प्राकृतिक संसाधनों के सही उपयोग करने और पहाड़ में रहने वाले लोगों की आजीविका को बढाने के लिए इनका उपयोग करना हो इस अवसर पर एलमुनाई एसोसिएशन राष्ट्रीय अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल (से नि) विशंभर सिंह, आईआईटी रुड़की के वरिष्ठ सेवानिवृत्त प्रो. हर्ष सिंघवाल, ओएनजीसी विदेश के डायरेक्टर इंजीनियर आलोक कुमार गुप्ता, देहरादून चैप्टर के अध्यक्ष जैन, अजय मित्तल, डीएस पंवार सहित आईआईटी रुड़की के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर चुके वरिष्ठ नागरिक एवं पूर्व छात्र उपस्थित थे।
इस अवसर पर राज्यपाल ने आईआईटी रुड़की एलुमनाई एसोसिएशन देहरादून चैप्टर की वेबसाइट का भी उद्घाटन किया यह वेबसाइट एसोसिएशन की विभिन्न गतिविधियों के प्रसार तथा लोगों की सहायता के लिए कार्य करेगी। राज्यपाल ने वेबसाइट के शुभारम्भ किया। आईआईटीआरएए का देहरादून चैप्टर बहुत सक्रिय स्थानीय चैप्टर है जो गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए फैमिली गेट टुगेदर्स का आयोजन करता है जिसमें बातचीत, सांस्कृतिक गतिविधियां, पेशेवर उन्नति साझा करना, पिकनिक और सामाजिक गतिविधियां शामिल हैं। आईआईटी रुड़की एलुमनी एसोसिएशन के देहरादून चैप्टर में 180 पंजीकृत सदस्य हैं और सबसे पुराने पूर्व छात्र 1950 बैच के हैं। इस समारोह में 7 राज्यों से आए पूरे भारत के लगभग 150 पूर्व छात्र परिवार ने प्रतिभाग किया। उन सभी पूर्व छात्रों (16 नंबर) को सम्मानित करने का प्रस्ताव है, जिन्होंने 80 वर्ष की आयु प्राप्त कर ली है। कार्यक्रम के प्रथम तकनीकी सत्र में अध्यक्ष धर्मवीर, सेवानिवृत्त आईएएस, डॉ. रमा भार्गव, आईआईटी रुड़की डॉ नवीन सिंघल, डीआईटीयू दूसरा तकनीकी सत्र, डॉ लवनीश चानाना, सिंगापुर, डॉ अचल मित्तल, प्रधान वैज्ञानिक, सीबीआरआई, रुड़की ने अपने विचार व्यक्त किये वही पैनल चर्चा में डॉ.वी.के.नांगिया,आईआईटी रुड़की, धरम वीर, आईएएस (सेवानिवृत्त), डॉ अचल मित्तल, सीबीआरआई, रुड़की, डॉ. एल.पी.सिंह, सीबीआरआई, सत्र की अध्यक्षता डॉ.एस.के.मित्तल एवं डॉ अमित अग्रवाल, निदेशक, टनकपुर इंजीनियरिंग कॉलेज ने की। ओएनजीसी और ओवीएल द्वारा प्रायोजित किया गया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष एलटी. जीईएन. बिशंबर सिंह, उपाध्यक्ष डा.अचल मित्तल एवम राष्ट्रीय सचिव डी. एस.पंवार भी सम्मिलित हुए। कार्यक्रम का संचालन प्रदीप सहारिया जी ने किया। तकनीकी सत्र का संचालन डा.नवीन सिंघल ने किया। अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. एमपी जैन , अध्यक्ष, देहरादून चैप्टर की ओर से सभी का स्वागत किया और आई आई टी रुड़की के 175वें स्थापना दिवस समारोह की सभी को बधाई दी।