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हम पीओके को लड़कर नहीं, जम्‍मू-कश्‍मीर की तरक्‍की करके हासिल करेंगेः- सत्‍यपाल मलिक

कश्‍मीर । जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 हटाए जाने के बाद से जहां पाकिस्‍तान बौखलाया हुआ है, वहीं भारत में अब पीओके को लेकर चर्चा हो रही है। कुछ मंत्रियों ने तो खुलकर कह दिया है कि अब अगला टारगेट पीओके है। मंगलवार को केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कहा कि पीओके को हम लेकर रहेंगे, क्‍योंकि वो भारत का अभिन्‍न अंग है। जम्‍मू-कश्‍मीर के राज्‍यपाल सत्‍यपाल मलिक ने पीओके पर बड़े-बड़े बयान देने वाले मंत्रियों को नसीहत दी है। मलिक का कहना है कि हम पीओके को लड़कर नहीं, जम्‍मू-कश्‍मीर की तरक्‍की करके हासिल करेंगे। जम्‍मू-कश्‍मीर के राज्‍यपाल ने कहा कि हमारे बहुत सारे मंत्री जिनको कई बार मौका नहीं मिलता अतंरराष्‍ट्रीय मामलों पर बोलने का, वो पीओके(पाकिस्‍तान अधिकृत कश्‍मीर) पर चढ़ाई किए हुए हैं। वे कह रहे हैं कि अलग टारगेट पीओके है। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि अगला टारगेट पीओके है, तो हम लड़ाई की बजाए जम्‍मू-कश्‍मीर की तरक्‍की के आधार पर उसको ले सकते हैं।उन्‍होंने कहा, ‘अगर हम जम्‍मू-कश्‍मीर के लोगों को इज्‍जत दे सकें, उनको अपने सिर-माथे लगा सकें, देश के उन्‍हें सबसे अच्‍छे नागरिक के रूप में दिखा सकें और यहां के बच्‍चों के भविष्‍य की रक्षा कर सकें। इस प्रदेश के कारोबार ला सकें, खुशहाली ला सकें और बिजली से पूरे राज्‍य को चमका दें, तो गारंटी के साथ कह सकता हूं कि सालभर के भीतर पीओके में उपद्रव हो जाएगा। ऐसे में बिना लड़ाई के आपको पीओके मिल जाएगा। पीओके का एक-एक शख्‍स कहने लगेगा कि हमें उस तरफ जाना है। मेरा जो पीओके को हासिल करने का रास्‍ता है, वो जम्‍मू-कश्‍मीर की तरक्‍की से होकर गुजरता है।’

नृपेंद्र मिश्रा बन सकते हैं केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल  एकीकृत जम्मू कश्मीर के 31 अक्तूबर 2019 को दो केंद्र शासित राज्यों जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में बदल जाएगा। राज्यपाल का पद समाप्त हो जाएगा और उसके स्थान पर उप राज्यपाल का पद सृजित होगा। मौजूदा राज्यपाल सत्यपाल मलिक ही दो नए केंद्रित शासित राज्यों के उपराज्यपाल की जिम्मेदारी संभालेंगे या फिर अलग-अलग उप राज्यपाल नियुक्त होंगे। इसे लेकर केंद्र सरकार की तरफ से स्थिति को पूरी तरह स्पष्ट नहीं किया गया है, लेकिन प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा को भी जम्मू-कश्मीर के प्रशासन की बागडोर सौंपे जाने की चर्चा है। उनके अलावा राज्यपाल के मौजूदा सलाहकार के विजय कुमार और फारुक अहमद खान के अलावा एक पूर्व खुफिया अधिकारी को भी लद्दाख या जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल पद की दौड़ में शामिल माना जा रहा है।

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