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एचआरडीए को ठेंगा, आवासीय नक्शे पर व्यवसायिक निर्माण, अधिकारी मौन

हरिद्वार। धर्मनगरी में बिल्डर हरिद्वार रूड़की विकास प्राधिकरण को लगातार ठेंगा दिखा रहे हैं। आवासीय नक्शे पर व्यवसायिक निर्माण कर अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक रहे हैं। विकास प्राधिकरण निर्माणकर्ता को नोटिस देने तक सीमित रह गया है, लेकिन बिल्डरों ने निर्माण कार्य पूरा कर डाला है। अब बिल्डर प्रार्थना पत्र देकर बार-बार समय मांगकर अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक रहे हैं। मामला कनखल की संदेशनगर कॉलोनी में नियमों को ताक पर रखकर अपार्टमेंट का अवैध निर्माण का किया जा रहा है। विकास प्राधिकरण से आवासीय नक्शे को स्वीकृत कराकर व्यावसायिक निर्माण कर लाखों रुपए के राजस्व का चूना लगाया जा रहा है। जिससे विभाग की स्वच्छ छवि पर अब सवालियां निशान लगने लगे हैं। अब देखने वाली बात यह है कि क्या अधिकारी इस मामले में कार्रवाई करते हैं या फिर इसे यह ठंड बस्ते में ही डाल दिया जाएगा। बता दें कि कनखल थाना क्षेत्र के संदेश नगर कॉलोनी में परमधाम आश्रम के निकट स्थित श्री गुरु कृपा एसोसिएट्स की ओर से मानकों के विपरीत व्यवसायिक अपार्टमेंट का निर्माण कार्य किया जा रहा है। जिसका कोई मानचित्र नहीं है। नियमों के विरूद्ध चल रहे इस निर्माण कार्य का खुलासा सूचना अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई सूचना मिलने के बाद हुआ है। हैरानी वाली बात यह है कि जिस कॉलोनी में अपार्टमेंट का निर्माण कार्य किया जा रहा है, उस कॉलोनी तक का विभाग से मानचित्र स्वीकृत नहीं है। प्राधिकरण के अधिकारियों की लापरवाही के चलते काफी समय बीत जाने के बाद अवैध कॉलोनी का कोई नोटिस जारी नहीं किया गया। जिससे विभागीय अधिकारियों की लापरवाही स्पष्ट तौर पर दिख रही है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक दो नोटिस में स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि अनाधिकृत निर्माण कार्य रोका नहीं गया तो सील और ध्वस्त करने की कार्यवाही की जाएगी, लेकिन बिल्डरों की दबंगई के चलते नोटिस मिलने के बाद भी अपार्टमेंट का निर्माण कार्य जारी है। अब लगभग कार्य भी पूरा कर दिया गया है। अपार्टमेंट निर्माण को लेकर हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की खामोशी भी संदेह के घेरे में हैं। क्योंकि ऐसा हो ही नहीं सकता कि नियमों को ताक पर रखकर किए जा रहे इस कार्य की उन्हें खबर ही न हो। एचआरडीए के सहायक अभियंता टीपी नौटियाल ने बताया कि मौके पर जेई को भेजकर निरीक्षण कराया जाएगा। यदि निरीक्षण के दौरान खामियां पाई गई तो निर्माणकर्ता के खिलाफ कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

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