उद्यान विभाग की जरमोला नर्सरी विवादों के घेरे में
पुरोला। उत्तरकाशी उद्यान विभाग की जरमोला नर्सरी विवादो के घेरे में है। अनियमिताओं की जांच की मांग को लेकर पुरोला विधायक ने मोर्चा खोल दिया है। जरमोला नर्सरी में चल रही अनियमितताओं को को लेकर पुरोला विधायक ने उद्यान निदेशक पर उत्तराखंड सरकार की महत्वाकांक्षी बागवानी मिशन योजना को पलीता लगाने का आरोप लगाया है। स्थानीय नागरिकों ने उद्यान विभाग पर रूट स्टॉक प्लांट के नाम पर लीपापोती का आरोप लगाया है। जरमोला स्थित उद्यान परिसर में करोड़ों की लागत से लगाई गई सेब नर्सरी व रूट स्टॉक पौध रोपण में अनियमिताओं को लेकर स्थानीय नागरिकों के साथ विधायक भी मुखर हो रहे हैं। शुक्रवार को विधायक दुर्गेश्वर लाल ने जॉच टीम के साथ जरमोला उद्यान का निरीक्षण कर उद्यान निदेशक पर अनियमिताओं का आरोप लगाया। मौके पर मौजूद भारी संख्या में स्थानीय बागवानों की उपस्थिति में विधायक ने उद्यान में लगे रूट स्टॉक के पौधों को मामूली कोशिश से उखाड़ कर हकीकत से रूबरू कराया। मौके पर मौजूद स्थानीय बागवानी विशेषज्ञों का कहना है कि ये पौधे रूट स्टॉक किसी भी दृष्टि में नही है, क्योंकि पहली नजर में ही इन पौधों पर दृष्टिपात करने से ही ये सेब की खराब टहनियों से तैयार की गई लगती है।
मौके पर मौजूद जांच अधिकारी उपजिलाधिकारी पुरोला देवानन्द शर्मा को विधायक दुर्गेश ने सेब के सूखे व निम्न गुणवत्ता वाले पौधों को जांच के लिए सैम्पल के लिए सुरक्षित रखने के निर्देश दिए। एक दिन पहले छपी खबर जिसमें विधायक के आरोपों को निराधार बताया गया था को लेकर पूछे गए प्रश्न पर उन्होंने जॉच को गतिमान बताया है। उन्होंने कहा कि जॉच टीम ने विधायक के आरोपो की न पुष्टि की है ओर न आरोपो को निराधार बताया गया है। जांच टीम में शामिल जिला उद्यान अधिकारी ने भी जरमोला उद्यान में लगाई गई रूट स्टॉक की निम्म गुणवत्ता के बारे में पूछे गए प्रश्न पर सहमति जताई है। मौके पर मौजूद स्थानीय बागवानों ने कहा कि क्षेत्र में स्थानीय विशेषज्ञ बागवानों के बावजूद कश्मीर की फर्म को कॉन्टेक्ट देना एक बहुत बड़ा छलावा है व इसमें प्रथम दृष्टया ही भ्रष्टाचार नजर आ रहा है। स्थानीय विशेषज्ञों का कहना है कि उनकी नर्सरी में उगाए गये सेब के पौधों से स्थानीय बागवानों के साथ ही हिमाचल के भी बागवान बाग लगा रहे हैं इस सबके बावजूद कश्मीर की फर्म को ठेका देना किसी के भी गले नही उतर रहा है।
बाद में स्थानीय बागवानों ने सड़क जाम कर उद्यान विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की व सरकार से उच्च स्तरीय जांच की मांग की। विधायक दुर्गेश लाल के समझाने व मुख्यमंत्री के संज्ञान में मामले को ले जाने की बात पर ही बागवानों ने धरना समाप्त किया। विधायक दुर्गेश्वर लाल ने पूरे घटनाक्रम पर कहा कि उत्तराखंड की सरकार भ्रष्टाचार के सख्त खिलाफ है व मामले की उच्चस्तरीय जांच को लेकर वे मुख्यमंत्री से बात करेंगे। उन्होंने उद्यान निदेशक पर आरोप लगाया कि वे सरकार की बागवानी मिशन जैसी महत्वाकांक्षी योजना पर पलीता लगाने का कार्य कर रहे हैं। इस अवसर पर आचार्य लोकेश बडोनी, जाजमोहन सिंह, महाबीर रांगड़, संजय रावत, राजेंद्र रावत, जगदीश रांगड़ आदि स्थानीय नागरिक व बागवान उपस्थित रहे।