हरियाणा में निर्दलीय और बागियों ने ही भारतीय जनता पार्टी को बहुमत से कर दिया दूर
गुरुग्राम। Haryana Assembly Election Result 2019: दिल्ली से सटे अतिमहत्वपूर्ण राज्य हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों के रुझान/नतीजे सामने आ चुके हैं। इसी के साथ यह भी तय हो चुका है कि भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और जननायक जनता पार्टी तीनों ही दलों को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने जा रहा है। जाहिर है अब राज्य में त्रिशंकु विधानसभा बनने जा रही है। अब रुझान/नतीजे सामने आ चुके हैं, ऐसे में साफ जाहिर होता है कि निर्दलीय और बागियों ने ही भारतीय जनता पार्टी को बहुमत से दूर कर दिया है। दक्षिण हरियाणा की ही कुछ सीटें ऐसी हैं, जहां पर बागियों की ताकत ने भाजपा प्रत्याशियों को हरा दिया। एनसीआर की 26 सीटों में दो सीटों में कम से कम पांच ऐसी सीटें हैं, जो बागियों और निर्दलीयों की वजह से भाजपा हारी है। रेवाड़ी विधानसभा सीट पर भी बागी रणधीर सिंह कापड़ीवास के चलते भाजपा प्रत्याशी सुनील यादव हारे और इस विधानसभा सीट से लालू यादव के दामाद चिरंजीव राव ने जीत हासिल की। दरअसल, इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी चिरंजीव को 43535 वोट तो उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी सुनील यादव को 42183 मत मिले तो निर्दलीय प्रत्याशी रणधीर सिंह कापड़ीवास को 36510। जाहिर यहां से निर्दलीय रणधीर सिंह ने बगावत कर चुनाव न लड़ा होता तो भाजपा आसानी से यहां से जीत जाती। इस सीट पर जीत का अंतर 1400 वोट से भी कम रहा तो भाजपा के बागी ने 35000 से ज्यादा वोट हासिल किए। कुछ ऐसा ही हाल गुरुग्राम की बादशाहपुर का रहा, जहां पर निर्दलीय राकेश दौलताबाद ने भाजपा से यह जीत छीन ली। वहीं, फरीदाबाद की पृथला विधानसभा सीट से निर्दलीय नयनपाल रावत ने जीत हासिल की। वहीं, नूंह की पुन्हाना सीट भी कांग्रेस इसलिए जीती, क्योंकि यहां पर निर्दलीय उम्मीवार ने अच्छे खासे मत हासिल किए। सबसे हैरान करने वाली हार तो चरखी दादरी सीट से भाजपा प्रत्याशी बबीबा फोगाट की रही, जिन्हें निर्दलीय ने हराया और वह भी भाजपा का बागी था। कुलमिलाकर यही सामने आ रहा है कि भाजपा अगर बागियों और निर्दलीयों को साधने में कामयाब हो जाती तो नतीजा कुछ और ही होता और राज्य में भाजपा सरकार बनाने के बिल्कुल करीब होती। कुछ ऐसा ही हाल राज्य की दर्जन भर सीटों पर रहा जहां निर्दलीय और बागी ही भाजपा के लिए मुसीबन बन गए।