हरियाणा के महम में 28 साल पहले हुए गोलीेकांड का जिन्न फिर आया बोतल से बाहर
रोहतक । 28 साल पहले हुए महम गोलीकांड का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर निकल गया है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने इस मामले में पुनर्विचार याचिका को स्वीकार करते हुए विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला और हरियाणा के पूर्व डीजीपी शमशेर सिंह अहलावत सहित सात लोगों को नोटिस जारी किया है। सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी रामफल द्वारा दायर याचिका पर 5 सितंबर को सुनवाई होगी। इस घटना की गूंज पूरे देश में सुनाई दी थी।
5 सितंबर को पुनर्विचार याचिका पर होगी सुनवाई
याची के मुताबिक 27 फरवरी 1990 में महम हिंसा में गोली लगने से उसके बड़े भाई हरि सिंह की मौत हो गई थी। महम कोर्ट में 2016 में इस्तगासा दायर किया था, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया। अब अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश फखरूद्दीन की अदालत में पुनर्विचार याचिका फाइल की है। इसमें इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला, हरियाणा के पूर्व डीजीपी शमशेर सिंह अहलावत, करनाल के पूर्व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेश चंद्र, भिवानी के डीएसपी रहे सुखदेव राज राणा व गांव दरियापुर निवासी भूपेंद्र उर्फ भूप्पी, हिसार के गांव दौलतपुर निवासी पप्पू और फतेहाबाद के गांव गिल्लाखेड़ा के अजित सिंह को नोटिस भेजा है। इसमें इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला, हरियाणा के पूर्व डीजीपी शमशेर सिंह अहलावत, करनाल के पूर्व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेश चंद्र, भिवानी के डीएसपी रहे सुखदेव राज राणा व गांव दरियापुर निवासी भूपेंद्र उर्फ भूप्पी, हिसार के गांव दौलतपुर निवासी पप्पू और फतेहाबाद के गांव गिल्लाखेड़ा के अजित सिंह को नोटिस भेजा है।
पुनर्मतदान के दौरान हुई हिंसा में चली थी गोली
वर्ष 1989 में केंद्र में जनता दल की सरकार बनने के बाद चौधरी देवीलाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर ओमप्रकाश चौटाला को हरियाणा की बागडौर सौंप दी थी। देवीलाल केंद्र सरकार में उपप्रधानमंत्री बने थे। चौधरी देवीलाल द्वारा इस्तीफा देने के बाद रिक्त हुई महम विधानसभा सीट पर ओमप्रकाश चौटाला उपचुनाव लड़ रहे थे। मतदान में धांधली के आरोपों के बाद कई मतदान केंद्रों पर चुनाव रद हो गया था। इन केंद्रों पर पुनर्मतदान के दौरान हुई हिंसा में गोली लगने से हरि सिंह की मौत हो गई थी।