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हरीश रावत का धरने पर बैठना मात्र राजनीतिक प्रलापः कैंथोला

देहरादून। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता बिपिन कैंथोला ने वन ग्राम के मुद्दे पर हरीश रावत के धरने को राजनैतिक प्रलाप बताया है द्य उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, प्रदेश भर में  सरकारी भूमि व वन भूमि पर हुआ अधिकांश अतिक्रमण वोट बैंक के लिए कोंग्रेसी सरकारों मे किया गया है, भाजपा सरकार तो सिर्फ देवभूमि के जंगलों में स्वच्छता चला रही है द्य
प्रदेश प्रवक्ता कैथोला ने अपने बयान में कहा, आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी वन भूमि को अवैध कब्जों से मुक्ति व प्रदेश की डेमोग्राफी बदलने की साजिशों को नेस्तनाबूद करने के लिए अतिक्रमण मुक्त अभियान चला रही है। लेकिन अफसोस पूर्व सीएम हरीश रावत उस पर राजनीति कर रहे है द्य वे इन सभी अतिक्रमण की जांच स्वंय कर लें तो पता चल जाएगा कि सभी अतिक्रमण किसकी सरकार के शासन काल मे हुए है द्य,सच्चाई सामने आने पर ना रावत  धरना कर पाएंगे ना ही जनता को बरगला पाएंगे द्य लिहाजा उन्हें पहले स्वयं की कांग्रेस सरकारों  का आकंलन करना चाहिए द्य उन्होने आरोप लगाया कि रावत केवल और केवल समाज मे तुष्टीकरण, झूठ, फरेब ओर बरगलाने की राजनीति पर भरोसा करते है। उनके धरना देने से झूठ छुपने वाला नही है।
कैंथोला ने हरीश रावत को  खुली चुनौती देते हुए कहा कि वो अतिक्रमण पर अपनी कांग्रेस सरकारों के आंकड़ों पर भाजपा से खुले मंच पर बहस कर लें, तो हकीकत जनता के सामने होगी। लेकिन रावत को तुष्टीकरण एवं धरना राजनीति ही करनी है, उन्हे उत्तराखंड की गरीब जनता से कोई लेना देना नहीं है द्य उन्हे अपने मुख्यमंत्री काल मे गरीबों के लिए किए गए कामों को भी जनता की अदालत में लाना चाहिए द्य आज राज्य में प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है, राज्य विकास के पथ पर रोज नए आयाम गढ़ रहा है और आत्मनिर्भर बनने की ऒर बढ़ रहा है द्य डबल इंजन सरकार राज्य को संवारने का काम कर रही है जिसके कारण ही प्रदेश की जनता ने भाजपा को दोबारा मौका दिया है और कांग्रेस व रावत को मुँह की खानी पड़ी द्य इसी हार के दर्द को रावत भुला नही पा रहे है, ओर झूठ, फरेब व बरगलाने के राजनीति का सहारा ले रहे है जो उनकी हताशा को साफ दर्शाता है।

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