Uttarakhand

हनीवैल एवं सीड्स ने 15 से अधिक सरकारी स्कूलों का जीर्णोद्धार किया और उन्हें उत्तराखंड के मुख्य मंत्री को सौंपा

देहरादून। हनीवैल सेफ स्कूल कार्यक्रम के हिस्से के तौर पर, एक प्रमुख फॉर्च्यून 100 टेक्नोलॉजी कंपनी, हनीवैल, और एक प्रमुख गैर-लाभकारी संस्थान, सस्टेनेबल एनवायरनमेंट और इकोलॉजिकल डिवेलपमेंट सोसाइटी (सीड्स) ने देहरादून और हरिद्वार में राज्य सरकार के 15 के स्कूलों का जीर्णोद्धार, मरम्मत और विस्तारण किया और उन्हें उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सौंप दिया। हनीवैल सेफ स्कूल एक अग्रणी स्कूल सुरक्षा कार्यक्रम है, जो इस क्षेत्र में बहुराष्ट्रीय कंपनी के कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सी.एस.आर.) प्रयासों का एक हिस्सा है। हालाँकि, चल रही महामारी के दौरान स्कूल बंद रखे गए हैं, जिससे नियमित सी.एस.आर. आउटरीच कार्यक्रम बाधित हुआ है, हनीवैल और सीड्स ने छात्रों और शिक्षकों के स्कूल में वापस लौटने पर उनके लिए स्कूल के आधारभूत ढाँचे को सुरक्षित बनाने पर ध्यान दिया हैं।
      सीड्स ने मरम्मत, विस्तारण और नवीनिकरण के जरिए स्कूल की इन इमारतों के ढाँचों को मजबूत करने के लिए आर्किटेक्ट्स और इंजीनियरों को काम पर लगाया था। पढ़ने-लिखने के वातावरण को ज्ञानवर्धक, आकर्षक, आरामदायक और विकलांगों के अनुकूल बनाने के लिए विशेषज्ञों को भी लाया गया था। जीर्णोद्धार की प्रक्रिया के जरिए एक ऐसा वातावरण बनाने पर ध्यान दिया जो न केवल सीखने को प्रोत्साहित करता है बल्कि बड़े पैमाने पर समाज के लोगों को आपस में जोड़ता है।
      इस अवसर पर उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री, श्री त्रिवेंद्र सिंह रावतने कहा, “हमारे राज्य को बेहतरीन शिक्षा प्रदान करने वाले स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों के लिए जाना जाता है। मैं हनीवैल और सीड्स (ैम्म्क्ै) का अभिनंदन करता हूं जिन्होंने हमारे छात्रों और शिक्षकों के लिए एक सुरक्षित माहौल के निर्माण का बीड़ा उठाया है। वर्तमान की सुरक्षा सुनिश्चित करके ही भविष्य को सुरक्षित बनाया जा सकता है! मैं हनीवैल सेफ स्कूल्स कार्यक्रम के माध्यम से सीड्स (ैम्म्क्ै) द्वारा शुरू की गई इस पहल की सराहना करता हूं, साथ ही मैं इस कार्यक्रम की प्रगति में हमारी ओर से निरंतर समर्थन का आश्वासन भी देता हूं।
      हनीवैल सेफ स्कूल कार्यक्रम शुरू करने से पहले, सीड्स ने इन 100 स्कूलों पर एक आधार स्तर का सर्वेक्षण किया था, जिससे यह पता चला कि लगभग 40 प्रतिशत स्कूलों के भवनों को भूस्खलन, भूकंप और बाढ़ से उत्पन्न होनेवाले संरचनात्मक खतरों का सामना करना पड़ता है। संरचनात्मक नवीनिकरण का उद्देश्य इन जोखिमों को कम करना होता है।
      डॉ. मनु गुप्ता, सह-संस्थापक, सीड्स ने कहा, “सीड्स में हम शिक्षा, स्वास्थ्य, आपदा से उबरना, प्रतिक्रिया और तैयारियाँ करने के क्षेत्र में व्यापक हस्तक्षेप के जरिए हालातों के अनुसार ढल सकने वाले समुदायों के निर्माण पर जोर देते हैं। हनीवैल सेफ स्कूल कार्यक्रम के तहत, हम स्कूल में एक सुरक्षित, अनुकूल वातावरण का निर्माण करते हैं जो छात्रों को और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करेगा, जिससे वे भविष्य के परिवर्तन के सूत्रधार बन सकें।
      डॉ. अक्षय बेलारे, अध्यक्ष, हनीवैल इंडिया, ने कहा, ’सुरक्षित और रक्षापूर्ण रहने और काम करने के स्थानों का निर्माण करने वाली एक प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनी होने के नाते, हनीवैल को उत्तराखंड में हमारे द्वारा सेवा प्रदान किए गए समुदायों में स्कूलों के वातावरण को सुरक्षित बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता का विस्तार करते हुए प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है।’
      हनीवैल सेफ स्कूल कार्यक्रम राष्ट्रीय स्कूल सुरक्षा नीति (एन.एस.एस.पी.) के दिशानिर्देश, 2016, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एन.डी.एम.ए.) के दिशानिर्देशों और आसियान स्कूल सुरक्षा पह का पालन करता है। ये ढाँचे स्कूल सुरक्षा की अनिवार्यता और बच्चों के लिए एक सुरक्षित वातावरण के निर्माण के महत्व को दर्शाते हैं। 2017 में दिल्ली में शुरू किए गए, हनीवैल सेफ स्कूल कार्यक्रम ने पहले ही दिल्ली और उत्तराखंड के 155 स्कूलों में 69,000 से अधिक छात्रों, 48,000 अभिभावकों और 4,500 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया है।

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