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गृहमंत्रालय ने 20 अप्रैल से सशर्त व सीमित आर्थिक गतिविधियों को इजाजत देने का विस्तृत गाइडलाइंस जारी किया

नई दिल्ली। सोमवार से लॉकडाउन में सशर्त छूट की गाइडलाइंस जारी कर सरकार ने कोरोना वायरस के खिलाफ लंबी लड़ाई का रोडमैप सामने रखा है। गृहमंत्रालय ने साफ कर दिया है कि कोरोना वायरस के मामलों कंटेनमेंट एरिया में यह छूट लागू नहीं होगा और किसी इलाके कोरोना का नया केस आने के बाद वहां कंटेनमेंट प्लान लागू हो जाएगा और यह छूट समाप्त हो जाएगी। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को अपने यहां रेड, आरेंज और ग्रीन जोन में विभाजित करने का निर्देश दिया है। रेड और आरेंज जोन में कंटेनमेंट प्लान लागू होगा और वहां आर्थिक गतिविधियों में छूट नहीं मिलेगी। जाहिर है तीन मई को लॉकडाउन खत्म होने की स्थिति में भी कमोबेश इन्हीं शर्तो के साथ काम करने की इजाजत होगी। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के अनुसार गृहमंत्रालय ने 20 अप्रैल से सशर्त व सीमित आर्थिक गतिविधियों को इजाजत देने का विस्तृत गाइडलाइंस जारी किया। गृहमंत्रालय के अतिरिक्त सचिव गोविंद मोहन ने साफ कर दिया कि इन छूट का मतलब कोरोना प्रभावित इलाकों में लॉकडाउन से राहत नहीं निकाला जाए। कोरोना वायरस को रोकने के लिए प्रभावित इलाकों में लॉकडाउन उसी तरह जारी रहेगा। सिर्फ उन इलाकों में यह छूट लागू होगी, जहां कोरोना का कोई केस नहीं मिला है या स्वास्थ्य मंत्रालय उसे कोरोना से मुक्त क्षेत्र कर दिया हो। जिन इलाकों में छूट मिली भी है, वहां लोगों को सोशल डिस्टैंसिंग का पालन कर अनिवार्य रूप से मास्क भी लगाना होगा।

एक जिले से दूसरे जिले के बीच आवाजाही भी रहेगी प्रतिबंधित नई गाइडलाइंस में इसका ख्याल रखा गया है कि कोरोना वायरस का कहर किसी इलाके में शुरू नहीं होने पाए। इसीलिए सुरक्षा और जरूरी सेवाओं को छोड़कर सभी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय उड़ान, रेलवे, सार्वजनिक परिवहन, टैक्सी, ऑटो, रिक्सा, बस और मेट्रो पूरी तरह बंद रहेंगे। एक राज्य के दूसरे राज्य ही नहीं, एक जिले से दूसरे जिले के बीच आवाजाही भी प्रतिबंधित रहेगी। सिनेमा हॉल, मॉल, शापिंग कंप्लेक्स, जिम, खेल गतिविधियां, स्वीमिंग पुल, थियेटर, बार समेत सभी शैक्षिक संस्थाएं पूरी तरह बंद होगी। इसी तरह किसी भी तरह की धार्मिक और राजनीतिक गतिविधि के लिए एक साथ एकत्रित होने पर प्रतिबंध रहेगा। मौत की स्थिति में भी केवल 20 लोगों तक को ही एक साथ आने की अनुमति दी जाएगी।

अर्थव्यवस्था को गतिमान रखने की कोशिश नई गाइडलाइंस के सहारे सरकार कोरोना के खिलाफ लड़ाई को कमजोर किये बिना अर्थव्यवस्था के पहिये को गतिमान रखने की कोशिश की है। उद्योग-धंधों के बंद होने के बाद शहरों से बड़ी संख्या में मजदूरों के ग्रामीण इलाकों में वापस लौटने को ध्यान में रखते हुए सरकार ने मनरेगा को लॉकडाउन से मुक्त कर दिया है। शर्त सिर्फ इतनी है कि मनरेगा के तहत सिंचाई और जल संरक्षण की योजनाओं को प्राथमिकता दी जाए। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए वहां स्थित उद्योगों को सीमित कामगारों से साथ उत्पादन शुरू करने की अनुमति दे दी गई है। कोरोना के प्रभाव से अछूते ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पटरी लाने के लिए वहां सभी तरह की सड़क, सिंचाई, भवन निर्माण और औद्योगिक परियोजनाओं को चालू करने का फैसला किया गया है। इनमें यहां मौजूद लघु और मझोले उद्योग भी शामिल हैं। कोरोना से अछूते शहरी इलाकों में भी कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट को शुरू करने की अनुमति होगी। लेकिन इस शर्त के साथ कि काम करने वाले मजदूर स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हों और बाहर से किसी को नहीं लाया जाए। राज्यों के बीच माल ढुलाई की अनुमति पहले से थी, लेकिन रास्ते में मैकेनिक और खाने-पीने की दुकानों के बंद होने के कारण इसमें काफी दिक्कत आ रही थी। अब हाईवे पर ढाबे और मरम्मत की दुकानों को खोलने की अनुमति होगी। इसी तरह बच्चों, विधवाओं, बुजुर्गो और दिव्यांगों के आश्रम भी चालू हो जाएंगे।

डाटा और कॉल सेंटर को दी गई छूट प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया और उसके सप्लाई चैन को पहले से छूट मिली हुई थी, लेकिन इसमें कई नए क्षेत्रों को शामिल कर दिया है। सूचना प्रौद्योगिकी और उससे संबंधित सेवाओं वाले संस्थान अब 50 फीसदी क्षमता के साथ काम शुरू कर सकेंगे। इसी तरह से डाटा और कॉल सेंटर को भी छूट दी गई है। लोगों को बाहर जाने और दुकानों में भीड़ लगाने से रोकने के लिए ई-कामर्स कंपनियों और उनका सामान लाने ले जाने वाली गाडि़यों को इजाजत होगी। पूरी तरह निर्यात आधारित एसईजेड में स्थिति कंपनियों को पूरी तरह छूट मिल गई है।

कृषि क्षेत्र में दी गई छूट स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र को अति आवश्यक सेवाओं में शामिल कर पहले भी लॉकडाउन के दौरान छूट मिली हुई थी। लेकिन 20 अप्रैल के बाद इसमें और विस्तार किया गया है। आयुष समेत तमाम स्वास्थ्य सेवाओं और उससे संबंधित गतिविधियों पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। इसी तरह कृषि क्षेत्र में खेतीबाड़ी के साथ-साथ फसलों की खरीद-बिक्री, मंडियों के संचालन, कृषि से संबंधित औजारों की दुकानों, बीज, खाद और कीटनाशकों के निर्माण, वितरण और बिक्री की इजाजत दी गई है। रबी की फसलों की कटाई और खरीफ की फसलों की बुवाई के सीजन को देखते हुए हार्वेस्टर जैसे कृषि उपकरणों को एक-से-दूसरे राज्य में ले जाने की छूट दी गई है। इसी तरह मत्स्य पालन और पशुपालन से संबंधित गतिविधियों को भी लॉकडाउन से मुक्त कर दिया गया है।

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