राज्यपाल ने किया फिक्की फ्लो उत्तराखण्ड चैप्टर के इम्पावरिंग द ग्रेटर 50 प्रतिशत अभियान का शुभारंभ
देहरादून। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने मंगलवार को राजभवन से महिला सशक्तीकरण अभियान फिक्की फ्लो-इम्पॉवरिंग द ग्रेटर 50 प्रतिशत का वर्चुअल शुभारम्भ किया। अभियान से जुड़ी फिक्की और फिक्की लेडीज ऑर्गेनाइजेशन तथा फिक्की फ्लो उत्तराखण्ड चैप्टर की पहल महिलाओं को बधाई देते हुये राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि अधिक से अधिक महिलाओं को उद्यमशीलता हेतु प्रोत्साहन किया जाना चाहिये। आर्थिक रूप से सशक्त महिलाएं निर्णय लेने हेतु स्वतंत्र होंगी। महिलाओं को अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार एवं विकास के समान अवसर प्राप्त होने चाहिये। यदि महिलाओं को समान अवसर प्राप्त होते हैं तो इससे देश की जीडीपी में वृद्धि होगी। उद्यमिता में महिलाओं की भागीदारी बढ़ने से रोजगार के अधिक से अधिक अवसर पैदा होंगे। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि महिलाओं में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रमों की आवश्यकता है। उन्हें डिजिटल वित्तीय साक्षरता की जरूरत है। महिलाओं की वित्त और व्यापार बढ़ाने वाले माध्यमों तक पहुंच बढ़ानी होगी।
उन्हें बुनियादी कानूनी अधिकारों के बारे में भी जागरूक करना होगा। कार्यस्थलों पर लिंग भेद मिटाने के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता है। राज्यपाल ने कहा कि कॉरपरेट बोर्डा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की जरूरत है। महिलाओं को छोटे-छोटे उद्यमों की स्थापना हेतु प्रोत्साहन एवं मार्गदर्शन मिलना चाहिये। उन्हें सरकारी योजनाओं तथा कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी जानी चाहिये। कौशल विकास के माध्यम से महिलाओं के आर्थिक स्वालम्बन का मार्ग प्रशस्त किया जा सकता है। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि ग्रामीण महिलाओं को जल संरक्षण तथा पर्यावरण संरक्षण से जोड़ना आवश्यक है। वर्षा ऋतु के दौरान जल संचय के प्रयास किये जाने चाहिये। छोटे-छोटे तालाबों के निर्माण को प्रोत्साहित किया जाना चाहिये। महिलाओं को कोविड-19 से सम्बन्धित सावधानियों के प्रति भी जागरूक किया जाना आवश्यक है। कार्यक्रम के दौरान फिक्की की डिप्टी सेक्रेटरी जनरल ज्योति विज ने कहा कि फिक्की फ्लो द्वारा उत्तराखण्ड में महिलाओं की आजीविका बढ़ाने हेतु प्रयास किये जा रहे हैं। ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार के लिये प्रोत्साहित किये जाने की योजना है। महिलाएं वास्तव में भारतीय समाज का एक अभिन्न हिस्सा हैं। वर्ष 2025 तक भारत में लैंगिक समानता प्राप्त करने के बाद इसका देश की जीडीपी आर्थिक प्रभाव यूस $ 700 बिलियन तक जुड़ने का अनुमान है। यदि महिलाओं को समान अवसर मिलता है तो जीडीपी में 4-7 प्रतिशत की वृद्धि होना संभव है। यह भी अनुमान है कि उद्यमिता में महिलाएं की बढ़ती भागीदारी से 150-170 मिलियन रोजगार के अवसर पैदा होंगे हैं, जो कि 2030 तक पूरी कामकाजी उम्र की आबादी के लिए आवश्यक नई नौकरियों का 25ः से अधिक है। इस वर्चुअल कार्यक्रम में फिक्की फ्लो की इमिडिएट पास्ट प्रेजिडेंट डा0 संगीता रेड्डी, फिक्की फ्लो की को-चेयर हरजिन्दर कौर तलवार, ज्योति विज, डिप्टी सेक्रेटरी जनरल, फिक्की, डॉ नेहा शर्मा, वाईस चेयर, फिक्की-फ्लो उत्तराखण्ड चैप्टर तथा फिक्की फ्लो उत्तराखण्ड चैप्टर की चेयरपर्सन किरन भट्ट भी सम्मिलित थी।