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नेपाल सरकार ने एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं एमडी नन्द लाल शर्मा को किया सम्मानित
देहरादून। एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा को नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देऊबा ने नेपाल के निवेश बोर्ड की 10वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में काठमांडू के सिंघा दरबार में आयोजित एक समारोह में सम्मानित किया गया। वित्त मंत्री एवं आईबीएन के उपाध्यक्ष जनार्दन शर्मा, ऊर्जा, जल संसाधन एवं सिंचाई मंत्री पंफा भूसाल, आईबीएन के सीईओ सुशील भट्टा ने भी नेपाल एवं विदेश के अन्य गणमान्यों के साथ इस अवसर की शोभा बढ़ाई।
समारोह के दौरान प्रधानमंत्री ने नेपाल में जलविद्युत के विकास में उनके अथक प्रयासों के लिए श्री शर्मा की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने 900 मेगावाट की अरुण-3 जलविद्युत परियोजना के निर्माण में चल रही गतिविधियों की रफ्तार की भी सराहना की। इस अवसर पर बोलते हुए नन्द लाल शर्मा ने कहा कि 900 मेगावाट की अरुण-3 परियोजना की प्रगति अपने निर्धारित शेड्यूल से आगे चल रही है। उन्होंने आगे कहा कि एसजेवीएन आईबीएन की परिवर्तनकारी सार्वजनिक-निजी-साझेदारी परियोजना अरुण नदी पर 900 मेगावाट की अरुण-3 जलविद्युत परियोजना को निष्पादित कर रहा है। यह परियोजना तेजी से कार्यान्वित की जा रही है और इसे वित्तीय वर्ष 2023-24 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने नेपाल सरकार को आश्वस्त किया कि 679 मेगावाट की लोअर अरुण जलविद्युत परियोजना को दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र में एक मॉडल परियोजना के रूप में निर्मित किया जाएगा। उन्होंने लोअर अरुण जलविद्युत परियोजना को लगभग 5 वर्षों के रिकार्ड समय में पूरा करने के एसजेवीएन के संकल्प को भी दोहराया। इन परियोजनाओं की कमीशनिंग से राष्ट्र की समृद्धि और सामाजिक-आर्थिक विकास के युग का आरंभ होगा। अपने संबोधन में श्री शर्मा ने जलविद्युत के दोहनार्थ एकीकृत नदी बेसिन विकास दृष्टिकोण पर जोर दिया। यह दृष्टिकोण विद्युत की निकासी एवं ट्रांसमिशन की योजना बनाने में सुगमता के साथ-साथ इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने तथा जनशक्ति के ईष्टतम उपयोग, व्यापक पर्यावरण प्रबंधन और इंफ्रास्ट्रक्चर को शेयर करने की सुविधा प्रदान करेगा। उन्होंने आगे कहा कि इस दृष्टिकोण से स्थानीय समुदायों को अनेक लाभ मिलते हैं। विद्युत परियोजनाओं के निर्माणार्थ जो इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित किया गया है, उससे समाज के प्रत्येक वर्ग को लाभ प्राप्त होता है, स्थानीय आबादी की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का उत्थान होता है और संपूर्ण क्षेत्र का समग्र विकास होता है।