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गोल्‍ड मेडलिस्‍ट बॉक्सर मनोज कुमार ने अपनी शादी में की मिसाल कायम, दहेज को दिया तलाक

कैथल। ओलंपियन और गोल्‍ड मेडलिस्‍ट बॉक्सर मनोज कुमार शुक्रवार को सात जन्‍मों के बंधन में बंध गए। वह कुरुक्षेत्र के मथाना गांव की नेहा संग परिण्‍य सूत्र में बंधे। मनोज ने खेल की तरह अपनी शादी में भी मिसाल कायम की। उन्‍होंने शादी में ऐसा दहेज लिया कि इसकी पूरे क्षेत्र में चर्चा हो रही है। मनोज और उनके परिवार ने दहेज में महज एक मुट्ठी चावल लिया। मनोज की बरात में देश के खेल जगत की जानी-मानी हस्तियां शामिल हुईं। इनमें अर्जुन अवॉर्डी नीरज चोपड़ा, अर्जुन अवार्डी बॉक्सर जितेंद्र, एशियन गेम्स गोल्ड मेडललिस्ट बॉक्सर अमित पंघाल, बॉक्सर धीरज, ओलंपियन सुमित सांगवान, द्रोणाचार्य अवार्डी जयदेव बिष्ट, अंतराष्ट्रीय बॉक्सर गौरव बिधुड़ी, बॉक्सर नीलकमल, दिनेश ओलंपियन, कोच जगदीप हुड्डा व पूंडरी के पूर्व विधायक तेजबीर सिंह शामिल थे।मनोज और नेहा की शादी की पार्टी शनिवार रात को पीपली रोड पर स्थित किंगसटल पैलेस में होगी। इसमें खेल और फि‍ल्‍म जगत की प्रमुख हस्तियां शामिल होंगी। शादी के रिसेप्‍शन में रेसलर द ग्रेट खली के भी आने की उम्‍मीद है। मैरिकॉम और विजेंद्र कुमार को भी निमंत्रण दिया गया है। शादी में अनोखा दहेज लेने के बारे में पूछे जाने पर मनोज के बड़े भाई व कोच राजेश कुमार ने कहा कि अपनी बेटियों को हमें ही बचाना होगा। दहेज जैसी कुप्रथा को समाज से खत्‍म करनी होगी और दूसरों को भी प्रेरित करना होगा। ऐसा करने से ही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा सफल हो पाएगा। देश के लाखों युवा मनोज को फॉलो करते हैं। हमने सोचा कि यदि हम  समाज में व्याप्त कुरीतियों को मिटाने के लिए पहल करेंगे तो यह दूसरों को सकारात्मक संदेश देगी और युवाओं को दहेज के खिलाफ प्रेरित करेगी। राजेश ने कहा कि बेटियों का दर्जा सबसे ऊंचा है। जब एक बेटी अपना घर छोड़कर आपके घर का हिस्सा बनने आती है तो उसके सामने कोई भी दहेज फीका है। देश का प्रत्येक युवा यदि इस बात को समझना शुरू कर दे तो दहेज जैसी बीमारी खुद ही खत्म हो जाएगी।

16 सितंबर को नेहा और मनोज की हुई थी सगाई  बता दें कि कुरुक्षेत्र-यमुनानगर हाईवे पर स्थित गांव मथाना में 16सितंबर को मनाेज कुमार और नेहा की सगाई हुई थी। मनोज गांव मथाना में 30मार्च से पहले अपने परिवार के साथ नेहा को देखने आए थे। पूरे परिवार को नेहा पसंद आई और रिश्ता पक्का हो गया। नेहा के पिता पृथ्वी सिंह करनाल के शुगर मिल से रिटायर हैं और खेती बाड़ी का काम भी करते हैं। नेहा के अलावा उनका एक बेटा विरेंद्र है और हरियाणा पुलिस में कार्यरत है।

कॉमनवेल्‍थ गेम्‍स में जीता था गोल्‍ड  मुक्‍केबाज मनोज एक चमकते हुए सितारे हैं। उन्‍होंने 2010 में दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में स्‍वर्ण पदक जीता था। 2018 के गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में मनोज ने कांस्‍य पदक जीता। उन्‍होंने 2007 में मंगोलिया में हुए एशियन चैंपियनशिप  में कांस्‍य पदक, 2013 जॉर्डन में हुई एशियन चैँपियनशिप में कांस्‍य पदक, साउथ एशियन गेम्स 2016 में गोल्ड मेडल जीते। 2014 में मनोज को भारत सरकार ने अर्जुन अवार्ड से नवाजा था।

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