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जीओ थर्मल का प्रयोग उत्तराखण्ड के प्रमुख चिन्हित स्थलों पर किया जायेगा

देहरादून। ग्रीन एनर्जी के रूप में भूतापीय ऊर्जा, जीओ थर्मल का प्रयोग बद्रीनाथ सहित उत्तराखण्ड के प्रमुख चिन्हित स्थलों पर किया जायेगा। इस संदर्भ मंे आज आईसलैन्ड दूतावास का प्रतिनिधि मण्डल ऊर्जा मंत्री डॉ हरक सिंह रावत से मिला। प्रतिनिधि मण्डल ने अपने अनुभवों को लेकर उत्तराखण्ड में भूतापीय ऊर्जा, जीओ थर्मल के प्रयोग का प्रोजेक्ट रखा। बैठक में ऊर्जा मंत्री डॉ0 हरक सिंह रावत ने इसे पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में लागू करने के लिए कहा। इस सदर्भ में वाडिया इंस्टीच्यूट द्वारा सर्वे और रिसर्च करके अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। इस सदर्भ में तकनीकी परीक्षण करके स्टीमेट प्रस्तुत किया जायेगा। इस प्रोजेक्ट में आइसलैन्ड तकनीकी और वित्तीय मदद भी देगा।
बद्रीनाथ मंे गर्म पानी और तप्तकुण्ड का स्रोत उपलब्ध है, जिसका प्रयोग करके बद्रीनाथ मन्दिर समिति, धर्मशाला में विद्युत उपयोग में किया जा सकता है। आईसलैन्ड में भूतापीय ऊर्जा, जीओ थर्मल के रूप में 30 प्रतिशत उर्जा का प्रयोग किया जाता है। गर्म पानी, तप्तकुण्ड के आधार पर इस उर्जा का उत्पादन किया जाता है। उत्तराखण्ड में, वाडिया इंस्टीच्यूट ने अपने सर्वे रिपोर्ट में 64 स्थलों पर इस प्रकार की ऊर्जा के उत्पादन पर अपनी संभावना व्यक्त की। इस अवसर पर ऊर्जा सचिव सौजन्या, निदेशक उरेडा दीपक रावत, आईसलैन्ड के राजदूत गुडनी ब्रेगासान, डिप्टी चीफ मिशन सिगथोर, चेयरमैन इन्डो-आईसेडेनिक बिजीनेस एसोशियेशन प्रसून दिवान सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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