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माल्टा का उचित मूल्य न मिलने से काश्तकारों में मायूसी

रुद्रप्रयाग। केदारघाटी के कई गांवों में माल्टा के पेड़ अब भी फलों से लदे हुए हैं। जबकि पेड़ों पर फूल भी खिल चुके हैं। इन हालातों में जहां इस वर्ष माल्टा के उत्पादन में गिरावट का अंदेशा है। वहीं, काश्तकारों का कहना है कि सीजन में बंपर उत्पादन व खरीदार नहीं मिलने से यह स्थिति बनी है। केदारघाटी के देवशाल, दिलमी सहित कई गांवों में माल्टा से लदे पेड़ देखे जा सकते हैं, जो फूलों से भी लकदक है। देवशाल गांव के काश्तकार विनोद देवशाली, मनोहर देवशाली का कहना है। गांव में प्रतिवर्ष 70 से 100 कुंतल माल्टा का उत्पादन होता है। बीते सीजन में एक भी खरीदार गांव में नहीं पहुंचा। जिस कारण अभी तक पेड़ माल्टे से लदे हुए हैं। ग्राम प्रधान निर्मला देवी का कहना है कि सरकार को 30 से 40 रुपये समर्थन मूल्य घोषित कर न्याय पंचायत स्तर पर माल्टा की खरीद करनी चाहिए। दिलमी गांव में भी कई पेड़ माल्टा से लदे हुए हैं। बंपर उत्पादन के बाद भी उचित मूल्य नहीं मिलने पर ओरिंग गांव के काश्तकार ने सरकार से अपने दो सौ माल्टा के पेड़ काटने की अनुमति मांगी थी। जिसके बाद केदारनाथ के विधायक मनोज रावत ने गांव पहुंचकर करीब पांच कुंतल माल्टा की खरीद की थी। जिला उद्यान अधिकारी योगेंद्र सिंह चैधरी ने बताया कि माल्टा के पेड़ों पर फूल आ चुके हैं, बावजूद केदारघाटी के कई गांवों में अब भी पेड़ फल से लदे हुए हैं। ऐसे में इस वर्ष फलोत्पादन में गिरावट के साथ ही फल के आकार पर भी असर पड़ेगा। जहां तक खरीद का सवाल है, वह शासन द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य के हिसाब से ही काश्तकारों से खरीद की गई थी।

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